एक समय के बाद एक समय आता है
एक ही पल में सबकुछ बदल जाता है
नादानी अल्हड़ शरारत बचपन
सब कही खो सा जाता है
जिम्मेदारियों का बोझ जब कंधों पर आ जाता है
परिस्थितियों की आंधियों से लड़ कर भी वो आगे बढ़ता है
होंठों पर हंसी की किलकारियां बिखराए जाता है
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हाथों की लकीरों से गमों को मिटाना है
अब कुछ कर के इस दुनिया को दिखाना हैं
बहुत जी लिए दूसरों के लिए हम
अब खुद के लिए जिंदगी जी कर दिखाना हैं-
ना कोई मेरा ना मैं किसी की हूं
अंधेरों को चीरती हुई मैं रोशनी सी हूं
सुन सको तो सुनो मेरी सदाओं को
खामोशी से बहती हुई मैं नदी सी हूं
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सोचने से कुछ नही होता मेहनत से काम होता है
सोचने से कुछ नही होता मेहनत से काम होता है
और ठोकर खा कर जो संभलता है गालिब
उसी का एक दिन इस दुनिया में नाम होता है-
उसके बिना मेरा कोई वजूद है क्या
ये मांग का सिंदूर, ये पैरो को बिछिया ये हाथों का कंगना
ये कानो का झुमका ये माथे की बिंदिया
सब उसके लिए तो है ,इसमें मेरा कुछ है क्या
ये इठलाना ये इतराना ये आदाओ की बिजली गिराना
ये आंखो का काजल ये होंठो की लाली ये बालो का गजरा ये हाथों की मेंहदी, सब उसी के लिए तो है
बिना उसके इन सब की मुझे जरूरत है क्या
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अपनो की खुशी के लिए अपनी खुशियों का गला दबाया मैने
अपनो की हंसी के लिए खुद को बहुत रुलाया मैने
और आज पूछते है मुझसे वही अपने कौन हो तुम
जिनकी पहचान बनाने के लिए खुद अपनी हस्ती को मिटाया मैंने
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की इश्क में गालिब हम गुलजार हो गए
बिना दौलत के ही मालदार हो गए
कैसा जादू किया उनकी नजरों ने मुझ पर
देखते ही देखते मेरे दिल के वो जमीदार हो गए
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मुहब्बत तुमसे बेइंतहा करते है हम,
ये बात और है कह पाते नहीं हम
तुम्हे हल्की सी खरोच भी लग जाए गर
तो कराह जाते है हम
तुम्हे छोड़ के जीना पड़े गर मुझे
अरे छोड़ो जान जीना तो दूर चैन से मर भी ना पायेंगे हम
तुम ही मेरा जिस्म हो तुम ही मेरी जान ,तुम ही मेरी ज़मी तुम ही आसमान हो,तुम ही दिल तुम धड़कन तुम ही मेरी दुनिया जहान हो
अब तुम ही बताओ तुम्हे छोड़ के कहा जायेगें हम
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गवाह है मेरे आंसू मेरे दर्द के ऐ खुदा
उसको तड़पता देख मैंने खुद को तड़पता देखा है
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लग जाए उसे मेरी भी उम्र ऐ खुदा ये दुआ कबूल करना
मेरे मेहबूब को दुनिया की बुरी नजरों से दूर रखना
बेवजह बेइंतहा तड़पा है वो इस कदर ऐ खुदा
अब न तड़पे वो कभी जिंदगी में दुबारा
उसे हर दर्द से हर बला से महफूज रखना-