वक्त से पहले ही वो हमसे रूठ गयी है
बचपन की मासूमियत न जाने कहाँ छूट गयी है-
Dil jakhmi honee pr aankho mein aansuon ka essa sailaab aata hai jisse dekh kar ek pal ko bhari nadi ko bhi sukne ka dar ho jataa hai...
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और ना जाने क्या-क्या लुट गया,
इश्क.. एक तेरे चक्कर में,
एक मासूमियत ही थी तो वो भी जाती रही।-
ख्वाहिश
गर्भ में एक बच्ची की अपनी मां से ख्वाहिश :-
मैं जब इस दुनिया में जन्म लूं तो
पापा मुझे देखकर भी मुस्कुराए
दादी भी मुझे अपने सीने से लगाए
और मां तू मेरे लिए ताने ना खाए।
मेरी बस इतनी सी ख्वाहिश है।
मेरे लिए भी न्यू खिलौने आए।
मैं लड़की हूं मुझे यह बार-बार ना बताया जाए।
मुझे भी भाई के समान समझा जाए।
मेरी बस इतनी सी ख्वाहिश है।
मेरी पढ़ाई में ही फाइनेंशियल प्रॉब्लम ना आए।
भाई को बिजनेस और मुझे होम साइंस ना पढ़ाया जाए।
मेरे सपनों को भी पंख दिए जाए।
मेरी बस इतनी सी ख्वाहिश है,
बड़ी हो जाऊं जब मैं
और जब मैं निकलूं घर से बाहर तो
मुझे नजरें झुकाने को ना कहा जाए।
हंसू बोलूं मैं जिसके साथ
उसे मेरा यार ना समझा जाए।
विदाई के वक्त मेरा ही घर
मुझे पराया ना बताया जाए
मेरी बस इतनी सी ख्वाहिश है।-
बरसो अपनी मासूमियत
का दावा करने वाला,
आज संगदिली के खिताब
पर कब्जा किए बैठा है।-
बिना वजह 🙄ये यू मेरा बात
-बात पर घबराना ,,🥺
यू एक मीठे 💞अहसास का
मुझे करीब से छू जाना🙈
खुद में खो जाती हूं 🤔तो अगले
ही लम्हें में खुद को मुस्कुराता पाती
हूं 😛
मैं लड़की हूं मासूम सी😊
अपनी मासूमियत पर मैं 😝
खुद ही मर जाती हूं 😂
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बचपन
मुझको मेरा खोया हुआ,
वो बचपन लौटा दो,
वो मन की चंचलता लौटा दो,
वो हसीन पल लौटा दो |
मुझको मेरा खोया हुआ,
वो बेफिक्री के दिन लौटा दो,
जब ना कोई चिंता थी,
ना कोई जिम्मेदारी थी |
मुझको मेरा खोया हुआ,
वो कागज की कस्ती लौटा दो,
जिसकी अपनी दिशा थी,
खुद का अपना लक्ष्य था |
मुझको मेरा खोया हुआ,
वो बचपन के दोस्त लौटा दो,
वो निस्वार्थ बंधन लौटा दो,
जिसमें ना कोई बड़ा था ना छोटा |
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तेरा मासूम चेहरा मुझे कुछ इस तरह पिघलाता है,
न चाहकर भी तेरी हर गलती माफ़ करवाता है।।-
दिल मैं मासूमियत ओर् दिमाग मैं बचपन रखते थे
इसलिए तुझसे मोहोब्बत कर बैठे....
अगर समझदार होते तो....!
तुझे चाहने कि गलती कभी नहीं करते
दिल तो क्या तुझे दिमाग मैं भी नहीं रखते....!!!-