पाप का अर्थ -अपने ही शोषक के दबाव को स्वीकार करना।
~आचार्य प्रशांत 🙏🏻
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दुःख से बचने के लिए जिसकी तरफ भाग रहे हो वो और भी बड़ा दुःख है....
~आचार्य प्रशांत 🙏🏻-
हँसी मीठी बात है,पर असली तो हो;
नकली तो जो कुछ भी है व्यर्थ है..
~आचार्य प्रशांत 🙏🏻
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सच काटता हो,
कचोटता हो तब भी स्वीकार करो...
झूठ सहलाता हो,
सांत्वना देता हो तब भी अस्वीकार करो...
~आचार्य प्रशांत 🙏🏻
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आकर्षण हाँ बोलकर भी किसी का हो नही पाता...
प्रेम ना बोलकर भी साथ छोड़ नही पाता...❤️
~आचार्य प्रशांत 🙏🏻-
न रूतबे न ताकत
न महलो-मकान के लिए 🏠
तुम्हारे भीतर है कोई तड़़पता
पंख और उड़ान के लिए 🕊️
मुट्ठी भर आसमान के लिए 🌫️
~आचार्य प्रशांत 🙏🏻-
इंसान अपने पाँव पर नही
अपने होश पर खड़ा होने के लिए हैं
पावँ पर तो कुर्सी भी खड़ी रह जाती है
~आचार्य प्रशांत 🙏🏻-
दुर्दशा से बुरा है वो नशा
जो या पता ही नही लगने देता की दुर्दशा हो रखी है जिंदगी की
~आचार्य प्रशांत 🙏🏻-
गहराई अस्पर्शित रहे
स्थितियों के संघात से
सागर बिखर नहीं जाता
हवाओं के आघात से
~आचार्य प्रशांत 🙏🏻
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जो असंभव होगा उसकी कोई आत्मिक चाह आपको उठ नही सकती।
मुक्ति असंभव होती तो आपके अंदर बंधनो को लेकर वेदना न उठती ।
~आचार्य प्रशांत 🙏🏻-