यूँ जो देखते हो आसमान में Ajit
कोई रहता है क्या आसमान में तेरा...💜-
हर रोज़ याद करने लगी हो
भुलाने का इरादा कर लिया है क्या
कहती हो वादे तो टूटते ही हैं
क्यों, किसी और से वादा कर लिया है क्या
क्या कहा लिहाफ़-ए-ग़म चाहिए
किसी से इश्क़ ज़्यादा कर लिया है क्या
तीरगी में रौशन कैसे हुई फ़ज़ा
रुख़ से नक़ाब आधा कर लिया है क्या।।
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जाॅन एलिया को समर्पित ❤
"न चाहत मुझे मोहब्बत की,
मैं बेपरवाही का मुरीद रहूँ,
खुशमिजाज़ों से दूरी ही रहेगी
मैं बस बर्बादी के ही करीब रहूँ।"-
अब तो मैं तुम्हें परेशान भी नहीं करती
तुम अब भी परेशान होते हो क्या !!
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उस की उम्मीद-ए-नाज़ का हम से ये मान था , कि ...आप उम्र गुज़ार दीजिए....उम्र गुज़ार दी गई
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तन्हा रहूंगा मस्त रहूंगा....
मैं उसके बिन भी उसमें ही रहूंगा ।
आने वालो की बात तो आम है....
जो ना आने वाला है ना! मैं तो उसे ढूंढता रहूंगा ।।-
हर कोई याद करता है अपना बिता हुआ कल
सोचता है कि कैसे मैंने इतनी तकलीफों के
बाद भी आज इस मुकाम पर हूं
याद वो लोग भी आते हैं
जिनकी वजह से वो तकलीफ मिला।-
नाम,पहचान,शोहरत की जद्दोजहद वालों में अनगढ़,बेपरवाह,'कौन' हो जाये,
वो शख्स फिर इल्म की दुनिया में बेतरत़ीब,बेचैन,'जौन' हो जाये।।
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