स्त्रियां प्रेम में सिर्फ़ देना जानती हैं
या यूं कहें की प्रेम की पराकाष्ठा होती हैं स्त्री
अपने लिए किसी से कभी कुछ मांग नहीं पाती
ईश्वर की सबसे स्वार्थरहित कृति
वैसे लगता है मुझे कभी कभी
शायद ईश्वर भी तो स्त्री नहीं?
क्योंकि वो भी तो बदले में
कभी कुछ नहीं मांगता!
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A wallflower. Ruthless soul.
Wildflower of meadow.
Nyctophilic. Se... read more
जब दिल की कश्ती माज़ी के दरिया में उतर यादों के भंवरजाल में फँसती है, तब किनारा दूर होते हुए भी पास नज़र आता है।
तब 'जो डूबा सो पार हुआ' को सच मानने वाला एक अजीब लड़का...
सच में डूब जाता है!-
कुछ भी नहीं दरमियां सिवाय तकल्लुफ़ात के
चंद बातें थीं फक़त और वो भी जाती रहीं-
And you my love!
are the sunshine
entering my shady world
just like fireflies enter dark woods
and enlighten it
with their magical, floating light
making it look like a beautiful dream
and ensuring that fairytales exist.-
as the daylight enters my room
and i try to open my eyes
my eyelids are too heavy to rise
they are drowning
under the weight of your dreams
my pillow-
it knows what my illusions were
and my heart skips a beat
i feel your presence
entwined with my memories
your scent stamped on my soul
it makes me smile
even if you aren't around
last night
love was around
my love
you were my muse
and today
you are my poetry-
जो फूल
अपनी शाख से टूट कर
गिर जाया करते हैं,
वो न चमन के ही रहते हैं
और न धूल के!
सूख कर मुर्झाया करते हैं;
वो फूल...
जीते-जी मर जाया करते हैं
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इश़्क में तेरे मैं कुछ इस कदर बर्बाद हुआ,
हर दर सजदा किया तुझे पाने को...
दर-दर भटका, टकराया,
टूटा और ख़ाक हुआ।
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एक अमलतास का पेड़
जो तुमने लगाया था,
हमारे आँगन के बीच...
आज तुम्हारे जाने के बाद
पीले फूलों से लदे हुए,
सभी की वाह-वाही बटोर रहा है;
नज़रें नहीं हटती हैं मेरी भी;
एक टक देखे जाती हूँ बस।
यकायक ख़्याल मेरे
भंग हो जाते हैं
मानो एक नींद से जैसे जागी हूँ मैं;
मानो इस पेड़ के फूलों की ओट में
छिपे हुए, चुपचाप देख रहे हो मुझे।
रंग प्यारे हैं मुझे
ये जानते थे तुम,
कहते थे रंग हमेशा रहने चाहिए,
मैं रहूँ चाहे न रहूँ;
कहो रंग भरती रहोगी न?
और उस अमलतास को देख,
मैं अपने क्षणभंगुर जीवन में
कुछ रंग भरने चल देती हूँ।
देख कर यूँ मुझे
जहाँ कहीं भी हो तुम,
खुश हो रहे होंगे...
है न?
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अगर होली के रंगों की तरह लोगों के रंग भी दिखाई दे पाते तो न जाने कितने रिश्ते टूट जाते और कितनों से मोह छूट जाते।
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