तुम तो बस दोस्ती की इजाजत दे दो
मोहब्बत की तरफ तो हम इसे मोड़ लेंगे।-
विधि शाखा का विद्यार्थी | नास्तिक | हिंदी प्रेमी
साथी तुम्हारे साथ-साथ चलने की चाह ने
न जाने कितना पीछे-पीछे चलवाया है मुझे।-
||पाखंडी||
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मैं हार कर प्रेम से
“पाखंड”
की ओर बढ़ रहा हूँ
क्या तुम्हें नही लगता कि तुम
“प्रेम को कुचलकर”
पाखंड को 'प्रेरित'
कर रही हो।
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तुम्हारा हाथ, अपने हाथों में लेते हुए
मुझे यूं एहसास होने लगा था
मानो ये 'कायनात'
"क़यामत के क्रूरता" से अब
रेंगते-रेंगते 'उभरता' जायेगा।-
अरे… जब आजकल चाय बिन दिन गुजर जा रहे
तो भला तुम्हारे बिन ये दिन क्यों नहीं गुजर जाएंगे..!-
दिन है... कि होश में नही आता
शब है कि आग़ोश में नही लेता।
~शब-रात-
खुद की खुदी में खुद को खत्म किये जा रहे हो
खुद की खुशियों के खातिर इतनी खुदगर्जी अच्छी नही।
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खुदी:- अहंकार, घमंड, शेखी।
खुदगर्जी:- स्वार्थी होने का भाव/अवस्था।-
सोचा तो था तुमसे मेरा, इजहार-ए-इश्क़
यूं करने को
कमबख्त हैसियत ही नही थी शायद मेरी,
इनकार तेरा यूं सहने को।-
"माँ से दूर होने पर रोने लगा और फिर ख़ामोश हुआ,
आँशु पोछती माँ को याद कर।"-