एक हरे-भरे पौधे की शान बरकरार रखने के लिए ज़रूरी होता है किन्हीं सूखे हुए, मुर्झाए से पत्तों का इर्द-गिर्द होना
ठीक वैसे ही जैसे छद्म बौद्धिकों के आस-पास होते हैं कुछ मूर्ख चमचे!-
मैं बुद्धु, पागल, न समझ,तुम हो पूरी परिपक्व प्रिये!
मैं कांग्रेस का चमचा हूँ ,तुम मोदी की भक्त प्रिये!!
🤣🤣🤣-
दिनों-रात उसकी तारीफ़ो से थकता नही मेरा ये दिल
समझ नही आता ये मेरा दिल है या सिर्फ उसका चमचा-
इन दिनों मैं बड़ी दुविधा में हूँ
कि मैं कौन हूँ ???
भक्त हूँ ? चमचा हूँ?
जब मंदिर के लिए चंदा मांगा गया
मैंने इनकार करते हुए कहा
जो सरकार सरदार पटेल की
विश्व में सबसे ऊंची प्रतिमा बना सकती है
विश्व का सबसे बड़ा क्रिकेट ग्राउंड बना सकती है
वह अपने घोषणा पत्र की प्रमुख घोषणा
जिसके दम पर वह तीन दशक से चुनाव लड़ती आयी है
उसे पूरा करने के लिए उसे मेरे पैसे की ज़रूरत नहीं
यह केवल भावनाओं के ध्रुवीकरण का प्रयास मात्र है
मात्र इतना कहने के बाद
मुझे राष्ट्रद्रोही, रामद्रोही, भक्त आदि लेबलों से सजा दिया गया
जब रायपुर में हुए मैच में दर्शकों को अनुमति प्रदान करने पर प्रश्न उठाया
तो मुझे चमचा घोषित कर दिया गया
इसी वजह से मैं दुविधा में हूँ
कि मैं कौन हूँ
भक्त या चमचा?
क्या इसके अलावा इन दिनों भारत में
कोई और होना संभव नहीं?
क्या इन दिनों
एक जिम्मेदार जागरूक नागरिक का अस्तित्व नहीं
जो उठाये प्रश्न अपनी चुनी सरकार के सम्मुख
'जनता का, जनता के लिए ,जनता द्वारा' यही तो लोकतंत्र है ना???
मगर आज के इस तंत्र में लोक की जगह कहाँ है??
© कमल यशवंत सिन्हा-
जिस बर्तन में चम्मच होता है,
अक्सर वो बर्तन खाली हो जाता है
तो ,
चमचों से सावधान
🤭🧐🤭
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दिखा के खून लाल अपना खुद को आम कह बैठे
कुर्सी ज्यों ही मिली उसको खुद को वो राम कह बैठे
की लगा ली थी तस्वीर जिसकी हमने भगवान के आगे
रकम ज्यों हीं मिली मोटी;वो भी दाम कह बैठे
मन मसोस के रह गये जब किसी ने अंधभक्त कहा था
अब भक्त नही रहे तो लोगों का चमचा नाम सह बैठे।।
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कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक कमल ही कमल खिल रहा है।
विपक्ष और चमचों ने पूरा जोर लगा रखा है पर जनता मान ही नही रही😝😝😝😝
#भगवा 🙏🏼🚩-
Naa chamcha na baingun
Kise thali ka
Maalik houn bus apni
Merzi ka..
(Ishfaq Ifshan)-
यदि आप किसी व्यक्ति को जो
किसी राजनीति पार्टी को follow कर रहा है
चमचा कहते हो तो याद रखो कहीं न कहीं
आप खुद बता रहे कि आप किसी के चमचे हो।
😂😂
Be careful to your verdicts.-