Himanshu Verma   (हिमांशु वर्मा)
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Joined 22 October 2017


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29 JAN 2022 AT 9:27

जब भी भूलने की कोशिश करता हूं तुझको
अक्सर तेरे नाम के लोग मुझे मिल जाते है— % &

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2 DEC 2021 AT 11:17

बताओ तुम मुझसे क्या चाहते हो
हर मोड़ पर तुम मुझे क्यूं मिल जाते हो
भूलने की कोशिश मैं करता हूं बहुत
ख्वाबों में क्यूं अपना चेहरा दिखा जाते हो

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29 NOV 2021 AT 20:05

बस इतना सा तुमसे है प्यार
तुम जब नहीं दिखते तो रहते है बेकरार

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12 JUN 2019 AT 16:52

तुम्हारे ना होने के सोच से मेरी रूह काँपती थी
अब तुम ना रही माँ तो सोचो मैं कैसे जी रहा हूँ

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1 MAR 2018 AT 17:00

बढ चले है मेरे कदम तेरे ही आशियाने की ओर
दरवाजे पर रहना और देखना अपनी गली की ओर
मैं आऊँगा अनेक गुलाल और ढेर सारे रंग ले कर
तुम भुलाकर सारी नफ़रते दौड़े चले आने मेरी ओर

करीब आना एेतराज ना करना हम रंग तुझे लगायेंगे
मुझे भी तू रंग लगाना और इक ही रंग में रंग जायेंगे
बस कोई कसर ना छोड़ेंगे इस प्यार भरी होली में
हम तुम होकर सराबोर रंगों में प्यार की होली मनायेंगे

जितनी नफ़रते हैं मुझसे गुस्से में तुम खूब रंग लगाना
प्यार भरे रंगो के गुब्बारे से तुम मुझको चोट पहुँचाना
तुम मुझसे गले लग जाना सारे गिले-शिकवे भुलाकर
हम दोनों मिलकर इस होली को प्यार की होली है बनाना

हम दोनों बैठकर करीब थोड़ा मठरी-पापड़ खायेंगे
अपनी दूरियो का गम नशे का भाँग पीकर भुलायेंगे
आखिर कब तक झेलेंगे अपने रिश्ते में कलह को
गुझिये की मिठास से रिश्ते की कड़वाहट को मिटायेंगे

हाँ हम तुम इस होली को मनाकर अपने रिश्ते को मजबूत बनायेंगे !

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1 MAR 2018 AT 8:28

अजीब सी उसकी शर्त थी मुझसे

माफ़ तो कर देंगे पर पूरी जिंदगी हमसे बात ना करना !

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24 OCT 2021 AT 18:08

भले ही गिरता संभलता और फिर गिरता रहूं
अगर हो तेरे जैसा हमसफर तो मैं चलता रहूं

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20 SEP 2021 AT 17:48

जमाना चल रहा है अपने ही रफ्तार में
और मैं बैठा हूं उसकी यादों के मझधार में

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14 AUG 2021 AT 22:53

शिकायत मुझे ना होती इस जमाने से
अगर हमें पलकों पर बिठाया गया होता

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22 JUN 2021 AT 20:52

शोर है मुझमें बहुत
मेरी सादगी को कैसे समझ पाओगे
मैं हूं गहरा समुंदर ऐसा
तुम किनारों से ही डूबते जाओगे

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