जब भी भूलने की कोशिश करता हूं तुझको
अक्सर तेरे नाम के लोग मुझे मिल जाते है— % &-
उतना ही मेरे लफ़्ज आपके दिल मे उतरते... read more
बताओ तुम मुझसे क्या चाहते हो
हर मोड़ पर तुम मुझे क्यूं मिल जाते हो
भूलने की कोशिश मैं करता हूं बहुत
ख्वाबों में क्यूं अपना चेहरा दिखा जाते हो-
तुम्हारे ना होने के सोच से मेरी रूह काँपती थी
अब तुम ना रही माँ तो सोचो मैं कैसे जी रहा हूँ-
बढ चले है मेरे कदम तेरे ही आशियाने की ओर
दरवाजे पर रहना और देखना अपनी गली की ओर
मैं आऊँगा अनेक गुलाल और ढेर सारे रंग ले कर
तुम भुलाकर सारी नफ़रते दौड़े चले आने मेरी ओर
करीब आना एेतराज ना करना हम रंग तुझे लगायेंगे
मुझे भी तू रंग लगाना और इक ही रंग में रंग जायेंगे
बस कोई कसर ना छोड़ेंगे इस प्यार भरी होली में
हम तुम होकर सराबोर रंगों में प्यार की होली मनायेंगे
जितनी नफ़रते हैं मुझसे गुस्से में तुम खूब रंग लगाना
प्यार भरे रंगो के गुब्बारे से तुम मुझको चोट पहुँचाना
तुम मुझसे गले लग जाना सारे गिले-शिकवे भुलाकर
हम दोनों मिलकर इस होली को प्यार की होली है बनाना
हम दोनों बैठकर करीब थोड़ा मठरी-पापड़ खायेंगे
अपनी दूरियो का गम नशे का भाँग पीकर भुलायेंगे
आखिर कब तक झेलेंगे अपने रिश्ते में कलह को
गुझिये की मिठास से रिश्ते की कड़वाहट को मिटायेंगे
हाँ हम तुम इस होली को मनाकर अपने रिश्ते को मजबूत बनायेंगे !-
अजीब सी उसकी शर्त थी मुझसे
माफ़ तो कर देंगे पर पूरी जिंदगी हमसे बात ना करना !
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भले ही गिरता संभलता और फिर गिरता रहूं
अगर हो तेरे जैसा हमसफर तो मैं चलता रहूं-
जमाना चल रहा है अपने ही रफ्तार में
और मैं बैठा हूं उसकी यादों के मझधार में-
शिकायत मुझे ना होती इस जमाने से
अगर हमें पलकों पर बिठाया गया होता-
शोर है मुझमें बहुत
मेरी सादगी को कैसे समझ पाओगे
मैं हूं गहरा समुंदर ऐसा
तुम किनारों से ही डूबते जाओगे-