बढ चले है मेरे कदम तेरे ही आशियाने की ओर
दरवाजे पर रहना और देखना अपनी गली की ओर
मैं आऊँगा अनेक गुलाल और ढेर सारे रंग ले कर
तुम भुलाकर सारी नफ़रते दौड़े चले आने मेरी ओर
करीब आना एेतराज ना करना हम रंग तुझे लगायेंगे
मुझे भी तू रंग लगाना और इक ही रंग में रंग जायेंगे
बस कोई कसर ना छोड़ेंगे इस प्यार भरी होली में
हम तुम होकर सराबोर रंगों में प्यार की होली मनायेंगे
जितनी नफ़रते हैं मुझसे गुस्से में तुम खूब रंग लगाना
प्यार भरे रंगो के गुब्बारे से तुम मुझको चोट पहुँचाना
तुम मुझसे गले लग जाना सारे गिले-शिकवे भुलाकर
हम दोनों मिलकर इस होली को प्यार की होली है बनाना
हम दोनों बैठकर करीब थोड़ा मठरी-पापड़ खायेंगे
अपनी दूरियो का गम नशे का भाँग पीकर भुलायेंगे
आखिर कब तक झेलेंगे अपने रिश्ते में कलह को
गुझिये की मिठास से रिश्ते की कड़वाहट को मिटायेंगे
हाँ हम तुम इस होली को मनाकर अपने रिश्ते को मजबूत बनायेंगे !
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