महावीर की तपस्या है बिहार
बुद्ध की ज्ञान है बिहार
पाणिनी का व्याकरण है बिहार
वाल्मीकि का रामायण है बिहार..
दिनकर की कविता है बिहार
रेणु का सार है बिहार
बिस्मिल्लाह की शहनाई है बिहार
गंगा की चित्रकारी है बिहार..
समुद्र मंथन की मन्धार पर्वत है बिहार
गुरु गोविंद सिंह की धरती है बिहार
शेर शाह की हिम्मत है बिहार
मिथिला की संस्कृति है बिहार..-
मौर्य सा विस्तार हो।
मांझी का पहाड़ हो।।
चाणक्य सा बुद्धिकार हो।
यहीं तो अपना बिहार हो।।
अशोक सा बौद्ध प्रचार हो।
नालंदा का शिक्षाकार हो।।
दिनकर सा शब्दधार हो।
यहीं तो अपना बिहार हो।।
बिस्मिल्ला सा धुनकार हो।
जयप्रकाश की पुकार हो।।
गौरव गाथा का संसार हो।
यहीं तो अपना बिहार हो।।-
बिहार से हैं हम,हमे बिहार पर गर्व है।।
हां मैं बिहार हूं गंगा की निःछल धारा सा बिस्तार हूं
आर्यभट्ट ने सारी दुनिया को शुन्य का मान दिया
बुद्ध जैसे ज्ञानी ने यहीं से अपना ज्ञान लिया
विश्व को पहले गणराज्य का विस्तार यहां
कण कण में फैले शिक्षा का प्रसार यहां
विक्रमशिला ,नालंदा ने आदिकाल से ज्ञान दिया
नंद ने सिकंदर को भगाकर इसका मान दिया
अशोका ने पूरे भारत में अपना अलग पहचान दिया
चाणक्य की कूटनीति की आज भी बात निराली है
’मांझी द माऊण्टेन मैन’की जिद ने नाम कमा ली है
महावीर की धरती मानो या जेपी की हुंकार
मैं को हम करके बतियाते हैं ये है हमारे संस्कार
अस्सी साल में भी यहां आती जवानी है
वीर कुंवर साहब की ऐसी ही एक कहानी है
गांधी ने भी सत्याग्रह की यहीं से शुरुआत की
राजेंद्र बाबू पहले राष्ट्रपति बनकर देश को सौगात दी
आधुनिकता से भरे इस दुनिया में मैं पुरानी संस्कार हूं
बड़े अदब से पेस आने वाला हां मैं बिहार हूं...vy-
तुम धड़कन लिखो अपनी हम छठ गीत की धुन लिखते है
तुम मोहब्बत लिखो अपनी हम अपना बिहार लिखते है-
बुद्ध, महावीर, गुरु गोविंद सिंह, आर्यभट्ट, चाणक्य से सम्पूर्ण विश्व को आलोकित करने वाली महान ज्ञान ,
समृद्ध इतिहास और शक्तिशाली सम्राज्य की भूमि बिहार के स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएँ!
बिहार ❣️-
ढंग से तुम हिंदी बोल नहीं पाते,
और हमें हमारी भाषा पर बोलते हो।
पहले जान भी तो लो,
कितनी अलग अलग भाषा है
इस प्रदेश में,
तुम पूर्वांचल की भाषा को,
बिहार की बताते हो,
अरे पढ़े लिखे भैया,
थोड़ा पढ़ तो लेते,
पश्चिम में भोजपुरी,
तो उत्तर में हम मैथिली हैं।
दक्षिण में हम मगही,
तो पूरब में हम ठेठी हैं।-