QUOTES ON #BEROJGAR

#berojgar quotes

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3 SEP 2020 AT 12:50

एक सेनेटाइजर रोजगार का भी बना दो,
जिससे जब वो बेरोजगार के हाथों में जाये,
तो बेरोजगारी नामक वायरस से मुक्त हो,
और वो देश के सभी वायरस के लिए,
वैक्सीन का काम करे।

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17 MAY 2022 AT 21:26

दौलत के बल पर लोगों ने मोहब्बत हासिल कर ली
बेरोज़गार रांझों के हक में तो सिर्फ आंसू ही आए...

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12 OCT 2021 AT 9:23

Jitna creativity tum yq per Bio likhne me use kiye utna agar resume bana ne me ker diye hote to sayad aaj berojgar na hote.

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18 SEP 2020 AT 20:13

भारत एकमात्र ऐसा देश है
जहॉ अास्था के नाम पर हेलीकाप्टर से फूल बरसाये जाते है
मगर जहॉ बात किसानों की हक, शिक्षा,गरीब और रोज़गार की हो
वहॉ पर लाठिया बरसायी जाती है

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21 JUL 2020 AT 11:06

यूं तो कहने को जिंदगी गुलज़ार हैं
हाथो में चाय और हम बेरोजगार हैं..!!

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8 JAN 2017 AT 12:16

मुसलसल याद में तेरी, दिल दर बदर है

एक तेरे जाने के बाद, ये भी बेरोज़गार है।

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2 OCT 2021 AT 18:44

उसके यादों में मैं बेरोजगार हो गया हूँ
इश्क वालों कोई तो मोहब्बत में रोजगार दे दो...

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8 SEP 2020 AT 9:57

# #बेरोजगारों युवाओं का दर्द # #

तुझे शर्म नहीं आई ,बेरोजगार लिए कढ़ाई
चले रोड पर भाई, पर तुझे शर्म नहीं आई
दिल पर रखकर हाथ उन्होंने बी-टेक भी कर डाला
बेच कर बापू की किडनी, कोचिंग की फीस भी भर डाला।
जो कुछ बचा शेष था भाई, सब गिरवी कर डाला
अब सारे ग़म को बेच रहा और पीता बैठ के हाला।
ऐ सरकार तू किधर बैठ के, बुन रही है मकड़ी जाला।
कैसे बतालाऊं तुमको हम, अब अम्मा के आंसू बेच रहा हूं।
जला जला कर अपने को, रोटी सेंक रहा हूं।
तलूं पकौड़ा चौराहे पर, अब बचा नहीं है कोई हल।
बाप तड़पता भूख के मारे, अम्मा को अब नहीं है बल।
सरकार बड़ी गद्दार हमारी, करती है छल पे छल।
न्यूज़ मीडिया शोर मचाती, सुशान्त को आ रही थी खांसी।
रिया नाचने चली गई थी , तभी लगा ली फांसी।।
बेरोजगारों की कोई नहीं है सुनने वाला
जो कुछ बचा था भाई सब गिरवी रख डाला।।
स्वचरित/ बेरोजगार उत्तम'उजागर'/8.9.2020


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6 SEP 2020 AT 19:11

जब देश मे बेराेजगारी आयी है
तब युवाआें ने आवाज उठाई है
हुये हद से ज्यादा परेशान ......
तब हल्ला बाेल करायी है

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19 SEP 2020 AT 19:55

बेरोज़गारी

बेरोज़गारी नहीं लाचारी है ये
कितने घरों को उजाड़ी है ये
बेरोज़गार हैं प्रतिभाशाली युवा
झेल रहे हैं वो दंश अनेक
उनके कांधे पर है ना जाने
कितने ही भार अनेक
ना रहा मोल डिग्रियों का
ना हुनर का कोई मोल रहा
बहन कि कलाई सुनी देखकर
एक भाई का कलेजा फटता है
ज़मीन बिकने लगी है अब
घर का खर्च चलाने को......




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