ऐसा नहीँ है की
मेरी जिंदगी में कोई आना नही चाहता था
बस,हमने इजाज़त नहीँ दी किसी को...सिवाय आपके-
Abhi tu sahi se mila bhi na tha,
Ke chor gya,
Ishq krna to dur ki baat,
Bina ishq kiye hi dil tod gya...💔-
काश! कभी ऐसा भी हो
मेरे मर जाने के बाद
कोई कहीं
मेरे लिक्खे अश'आर पढ़े
मेरी नज़्मों से मेरी ग़ज़लों से
मेरी सोच की तह तक जा पहुँचे
मेरी रूह को जाने
और अपने ज़ेहन में
मेरी इक तस्वीर उकेरे
और ये सोचे
"मुमकिन है मुझे इस से मुहब्बत हो जाती"-
रात भर बाहों में कस के लिपट कर सोयी
सुब्ह होते ही बिस्तर पर अकेला छोड़ गयी
हर दफ़ा की तरह आज भी तमन्ना-ए-यार
हमें बिन जल मछली सा तड़पता छोड़ गयी
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मैं मौन हो रहा हूँ और वो शोर कर रही है
पलकों की उठा-पटक घनघोर कर रही है
सो गया है बीच में जहां ये सारा का सारा
नशीली आँखें कुछ ऐसा ज़ोर कर रही हैं
क्या मजाल झपक लूँ एक पलक तनिक
शून्य सा सुन्न मुझे वो पुरज़ोर कर रही है
गहराइयों में डूबने को आतुर तो हूँ मग़र
आँखें उसके चंद्रबिंदु पर ग़ौर कर रही हैं
बारिश बह रही है और हवा बरस रही है
मदहोशी असर उसकी हरओर कर रही है
भूलभुलैया भी है और है नयनाभिराम वो
आँखों आँखों में रात को भोर कर रही है
'बवाल' हो तो हो, अब किसे फ़िकर यहाँ
मैं मौन हो रहा हूँ और वो शोर कर रही है-
ढल गया वो दिन जब देखा था तुझे
ढला नहीं वो समाँ जब देखा था तुझे ।।
बेचैनी की बाढ़ और सुनामी सुकूं की
भीग गए एहसास,जब देखा था तुझे ।।
नाराज़गी सारी तेरी दस्तक़ से छू हुई
बेबात ही मुस्कुराये जब देखा था तुझे ।।
चाहते तुझमें तो गुम हो भी जाते मग़र
सलीक़े से पेश आये जब देखा था तुझे ।।
बातों में क्या रक्खा,तेरा होना ही काफ़ी
कुछ कह नहीं पाए जब देखा था तुझे ।।
झूमे बहोत देर तलक तेरे जाने के बाद
ग़ज़ब था मौसम जब देखा था तुझे ।।
पाकीज़गी मतलब अब भी बाक़ी है मुझ में,
आरजू दिल की पूरी हुई जब देखा था तुझे ।।
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तुमको बस चाहने भर से कोई क्यूं मिल जाए
ऐसे तो सबकी ही मुट्ठी में ज़माना होता-