मास भाद्रपद, तिथि अष्टमी, नक्षत्र स्वाति आयौ है
कृष्ण पक्ष की मध्य रात्रि में तौल्य लग्न जो पायौ है
अति वृष्टि है रही धरा पै, पहरी थे सब निद्रा मग्न
प्रसव काल में मात देवकी, है है प्रभु अवतार लग्न
जनम रहयौ है आज अजन्मा, ब्रज भूमि उल्लासित है
कष्ट हरिंगे, प्रभु मिलिंगे, नर नारी उत्साहित है
-
K.K. Tiwari
(# K.K' s KoNcEpTs)
2.3k Followers · 219 Following
बस एक परिचय " मैं हूँ 🇮🇳"
Joined 25 January 2018
16 AUG AT 12:11
27 JUL AT 18:30
बंसी बाज रही मधुवन में
घुमड़ घुमड़ आए घन श्याम l
राधा की पैजनियां छुन छुन
पावन वृंदावन निष्काम ll
भास्कर शोभित भये जलद में
है रहयौ प्रकाश पुंज हू मंद l
झोटा दै रहे श्याम मनोहर
राधा मुख है रहयौ मकरंद ll
-
6 JUL AT 11:38
लहरें खामखां बदनाम हैं साहब
रिश्तों को
"मशहूर"
होने की ख्वाहिश ही डुबाती हैं
-
1 JUL AT 18:58
अत्यंत सुखद है
चेहरे पर मुस्कान लिए
कामकाजी पुरुष और स्त्री को
शाम को घर वापस आते देखना-
28 MAY AT 17:44
यदि आप बुरे हैं
तो कोई भी काम अच्छा मत कीजिए,
आपके बुरे होने की विश्वसनीयता समाप्त हो जायेगी-
16 MAY AT 21:42
तिरस्कार, उपेक्षा एवं छल
जीवन के सह- उत्पाद हैं,
निःशुल्क प्राप्त होते हैं
-