बंसी बाज रही मधुवन में
घुमड़ घुमड़ आए घन श्याम l
राधा की पैजनियां छुन छुन
पावन वृंदावन निष्काम ll
भास्कर शोभित भये जलद में
है रहयौ प्रकाश पुंज हू मंद l
झोटा दै रहे श्याम मनोहर
राधा मुख है रहयौ मकरंद ll
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K.K. Tiwari
(# K.K' s KoNcEpTs)
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बस एक परिचय " मैं हूँ 🇮🇳"
Joined 25 January 2018
27 JUL AT 18:30
6 JUL AT 11:38
लहरें खामखां बदनाम हैं साहब
रिश्तों को
"मशहूर"
होने की ख्वाहिश ही डुबाती हैं
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1 JUL AT 18:58
अत्यंत सुखद है
चेहरे पर मुस्कान लिए
कामकाजी पुरुष और स्त्री को
शाम को घर वापस आते देखना-
28 MAY AT 17:44
यदि आप बुरे हैं
तो कोई भी काम अच्छा मत कीजिए,
आपके बुरे होने की विश्वसनीयता समाप्त हो जायेगी-
16 MAY AT 21:42
तिरस्कार, उपेक्षा एवं छल
जीवन के सह- उत्पाद हैं,
निःशुल्क प्राप्त होते हैं
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23 APR AT 18:17
दहल गई है घाटी फिर से
फिर बिल से निकले हैं सांप।
चला है लोहा, हुई है छलनी
मानवता, तुम हम और साख ।।
ठंडी ठंडी पवन चल रही
गूंज रही थी किलकारी ।
प्रकट हुए वो आतंकी जब
तुरत बनी वो चित्कारी ।।
अब बारी है हिंद फौज़ की
चिथड़े रिपु के उड़ाएंगे।
हाथ चले जो बंदूकों पर
जड़ से काटे जायेंगे ।।
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