हर कोई मोमबत्ती लिए चौराहे पे खड़ा है,
फिर ये कौन लोग हैं, रेप कौन कर रहा है?
ہر کوئی موم بتی لئے چوراہے پہ کھڑا ہے,,
پھر یہ کون لوگ ہیں, ریپ کون کر رہا ہے!!-
बाद में लड़ लेना आतंकवादियों से;
पहले देश के भीतर के दरिंदों में थोड़ा खौफ जगाओ!
'राफेल' लाकर देश में बड़ी वाह वाई कमाली;
अब इन हवसी जानवरों को भरे बाज़ार ज़िंदा जलाओ!
😠😠😠😠😔😔😠😠😠😠-
बापू के चरख़े से,
या मोहब्बतों की बोली से।
सुधर गए तो ठीक वरना,
मानेगें ये गोली से।।
Must Listen Episode of Gali ka Ghalib
"मेरे सपनों का स्वच्छ भारत"
#Haathras-
तुम्हारे रामराज़ में स्त्रियों के चरित्र की तो वैसे भी परीक्षा आम है
और परीक्षा के बाद भी तुमने बहिष्कार ही किया है
ये तो आज गरीब बस हाथरस की बिटिया है
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इटावा हाथरस हम छोड़ आए,
वो गुज़रे सब बरस हम छोड़ आए।
किसी पिंजरे सा था वो जिस्म अपना,
बदन का वो क़फ़स हम छोड़ आए।-
दिन के उजाले में चीर हरण,
रात के अंधेरे में अंतिम संस्कार
बोलो धृतराष्ठ तुम किस पहर बोलोगो।
सत्तासीन कौरव रहे या पाण्डव,
क्या फर्क पड़ता है।
कौरव रहे तो चीरहरण,
पाण्डव लगाए दाव पर।
वीरों से भरी है सभा भारत की
कोई भीष्म, कोई धर्मराज
सभी मौन खड़े हैं।
खंडर में बदल गया हस्तिनापुर,
सोने की लंका राख हो गई
बचा लो राष्ट्र, खतरे में है मानव सभ्यता।
" स्वयं को पहचानो भवानी तुम
कालचक्र के रथ पर होकर सवार
महिषामर्दन करो तुम "-
बंधे हुए हाथ कानून के, इस बार खुल जायेंगे क्या?
हाथ जोड़ने से दरिन्दो के, पाप धुल जायेंगे क्या?
बस कुछ और दिन चलेगा खबरो में 'हाथरस'
उसके बाद सब भुल जायेंगे क्या?
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ये वही इंसान है जो आज हर जगह अखबार में छा रहा है
मकसद भी इसका आज यू ही चर्चा में आना ही रहा है।-
रात के उस भयानक प्रहर
जब पुकार रही थी वो
कुछ इंसानी 'जानवरों' से घिरी
तब निश्चय ही उसकी दारुण 'चीत्कार' सुनी
चबूतरे पर गपशप करते धर्म के 'ठेकेदार'
पुजारी, मौलवी और पादरी ने
गश्त पर निकली
लेकिन 'मधुशाला' से लौट रही
पुलिस की किसी जीप ने
निज हितों के लिए
पास ही कहीं
आमरण अनशन पर बैठे बूढ़े हो चुके 'युवाओं' ने
औऱ चुनावी प्रचार से लौट रहे
स्वार्थी राजनेता के काफ़िले ने भी
...अगली सुबह
सब तैयारी कर रहे थे
तख्तियाँ लिए
निकलने की जुलूस
ताकि
भुना सकें 'अवसर' औऱ पा सकें 'ख्याति' ।-
Make sure you ignite a flame within
Even if all fires get extinguish
Make sure embers inside lose no heat
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