हर कोई यहां अपनी गलतियों का वकील है जनाब,
दूसरों के गुनाह माफ करने वाले मिले तो बताना ज़रा ।-
ग़रीब होना गुनाह सा लगता है ,,,,
के गरीब होना हमें गुनाह सा लगता है ,
अपने आगे खाई और पीछे कुआं सा लगता है ,,,,
हम कहीं जाएं भी तो जाएं कैसे -
पैसों ने रास्ता रोक के जो रखा है ।-
Ai Khuda ,
Tu karde mere dard ka hisaab ,
Warna ek gunaah mujhpar aur lagega ..
bhool jaunga zami-aasman ki duri
aaj raat ,
Chand par ka daag bhi lootega..-
हम गुनाह-ए-अज़ीम
करते जा रहे हैं ,
बार- बार उसे अपना
कहते जा रहे हैं ।
-
इस जवां उम्र में तौबा के साथ गुनाह़ कीजिए,
अगर बच गएं तो ज़माने के फ़रिश्ते कहलाओगे !!
اس جواں عمر میں توبہ کے ساتھ گناہ کیجیے..
اگر بچ گئی تو زمانے کے فرشتے کہلائیں گے !!-
Logo ki galtiyon par unko
Sirf pyaar se samjhaya karo...!
Sharminda mat kiya karo...
Gunaah hota hai...!!!-
मोहब्बत् का होना भी गुनाह
मोहब्बत् का खोना भी गुनाह ...!
मोहब्बत् गम् मैं शायर बनाती है
मोहब्बत् का बोज ढोना भी गुनाह...!
मोहब्बत् चेहरो के राज़ खोलती है
मोहब्बत् का आइना होना भी गुनाह..!
मोहब्बत् तकदीरों को आजमाती है
मोहब्बत् मैं खुदा होना भी गुनाह..!!!
-
"इश्क़ या गुनाह"
जो जिस्म से है तो गुनाह है
और जो रूह से है तो इश्क़ है,
जो साथ तक ही है तो गुनाह है
गर जो उसके साथ और बाद
भी ताउम्र रहेगी तो इश्क़ हैं
जो बस उसको चाहना और
पाना ही मंजिल है तो गुनाह है
लेकिन जो उसके लिए खुद को लुटाना
और खो देने की मंजूरी है तो इश्क़ है
जो बस तुम उसे अपना और सिर्फ
अपना बनाना चाहते हो तो गुनाह है
और अगर सिर्फ़ और सिर्फ उसके होना
चाहते हो, चाहे उसकी चाहत कुछ भी हो
तो इश्क़ है जो बस तुम अपनी सुनानी और
मनानी चाहते हो ताउम्र तो गुनाह है
तुम अपनी सौ मुस्कुराहट कुर्बान कर
सकते हो तो यहिं हाँ यही इश्क़ है
जानता हूँ मुश्किल ही नही नामुमकिन है,
इसलिए तो ये इश्क़ हैं गुनाह नही
और ये इसकी ख्वाहिश तो हर कोई
करता है लेकिन खुद की आजमाइश नही-
दुनिया की रिवाज है यह...
जिंदगी की रीत..
गुनाह कोई करें..
सज़ा काटे कोई और..-
Unki Khushi ke liye to
humne bhi unse rishta Tod Diya
Kaise kahe ki gunehgaar wo the
Us guhaan me to hum bhi shamil the-