मत करिए गुरूर अपनी रईसी का जनाब,
खुदा से ज़िन्दगी खरीदने की औकात तो आज भी नहीं है ।-
From - Surat...
I live my life on... read more
वो अनचाही अलविदा की कश्मकश है जनाब,
अगली मुलाकात का ख़्वाब सजाए इन्तज़ार कोई ।-
हर रोज़ पढ़ रही हूं उनके वो पुराने ख़त जनाब,
और वो हमें सरेआम बेवफ़ा क़रार कर चुके हैं ।-
बेह रहा था लफ़्ज़ों का सैलाब इन निगाहों से जनाब,
और उनको उम्मीद थी कि हम होंठों से बयान करे ।-
ये लंबे रास्ते कम पड़ जाते है जनाब,
जब वो हमारे हाथ में हाथ लिए साथ चलते हैं ।-
हमारे दिल के भी अपने कुछ उसूल है जनाब,
जिस्म से नहीं, ये बस रूह से आशिकी निभाता है ।-
हम तो बेझिझक फना हो जाए उनके इश्क़ में जनाब,
कोई उनसे भी तो पूछे क्या वो हमारी मोहब्बत के काबिल है ?-
चंद सांसों की मोहताज है ये ज़िन्दगानी जनाब,
तसव्वुर के जहान को हकीकत में भी जी लिजिए ।-
एक अरसे बाद हमारी नफ़्स मुस्कुरा रही है जनाब,
यक़ीनन उनके अल्फ़ाज़ में उमीद-ए-परवाज़ बेलौस है ।-
उनके हाथों की चाय की आदत हो गई है जनाब,
या शायद सुबह-शाम मिलने का बहाना मिला है ।-