चाहत ही थी हारने की तो जीतते कैसे!!!
भला हम जीत कर आपको हराते कैसे!!!
सोचा तो था कि हासिल कर ही लेंगे आपको,मगर
आपकी पसंद ही ऐसी, कामयाब होते कैसे!!!-
• ना जीत का उत्साह,ना हार की व्यथा ,
किंकर्तव्यविमूढ़ सा लगने लगे जब जीवन ....
• तू दुविधा को पाट दे ,धूम्र को भी छांट दे
फिर देख स्वर्णिम हो चलेगा कण कण ....
• अकेला तू ही योद्धा ना कोई साथी ,सहचर
यही सिखाता जा रहा है हर क्षण ....
• अजेय,अमिट्य ,साहसी,वीर नंदन भारती,
पौरुष के बल पर ही प्रासाद बनते कानन ....
• पराजय ना स्वीकार तू,आलस्य को भी त्याग तू,
फिर देख पारस सा हो चलेगा जीवन ....
• धवल स्वप्न मात्र ही कुंजी नहीं है स्वर्ग की,
कर्म प्रधान जब बने संवर उठेगा जीवन ....
© Aditi Tripathi-
ज़िन्दगी एक जुआ है,
आप भी एक बाज़ी लगा ले,
जीत गए तो खुशियां,
हार गए तो गम मना ले।।
Aastha Shukla91🖋️-
सच कहा है किसीने,..
जो तुम्हे खुश देखने के लिये खुद हार जाए..
उससे तुम कभी जीत नहीं सकते... !!
-
कोई "सबकुछ" हार कर भी बाजी जीत लेता।
कोई मन बहलाकर सत्ता की चाभी जीत लेता।
ईवीएम तो रखैल है सियासत के ठेकेदारों की,
जब जो चाहे, आकर उसकी इज्जत लूट लेता।
-
वक़्त के साथ कुछ रिश्ते भी बदल जाते हैं!!
कभी दिल बदल जाते हैं तो कभी जज्बात बदल जाते हैं!!
और,
रिश्तों में यदि प्यार ना हो तो उनके विचार बदल जाते हैं!!
जिसे हम दिल की गहराई से चाहते हैं वो इंसान भी बदल जाते हैं!!
और,
बार-बार हार कर भी वो हार जीत में बदल ही जाते हैं!!
-
माना की असफ़लता मेरा मुकद्दर बनी बैठी है
पर यकीन है मेहनत पर कि सफलता से मेरी मुलाक़ात जल्दी होगी-
जीत का स्वाद तब मिले जब हार चखी हो,
माँ का प्यार मीठा जब बाबा की मार चखी हो।।
लम्हें ज़िन्दगी के हों खट्टे मीठे तो ही मज़ा,
पर समझोगे ग़र चटपट इमली चटकार चखी हो।।
अरे भूल बैठोगे हर जाम का स्वाद मियाँ तुम,
जो सावन में बारिश की पहली बौछार चखी हो।।
दिख जाएगी मंज़िल की सही डगर यहीं कहीं,
गलत राहों की ठोकर जो तुमने कई बार चखी हो।।
करो कई जतन पर हो ना सकोगे जुदा इश्क़ से,
उनकी आँखो की नशीली मय जो ऐ यार चखी हो।।-
हर मां-बाप औेलाद को
देख कर जितेे है
दुनिया की नजरे लाख
कोशिश करें हमे हाराने की,,
हम तो मां बाप के आंखों मे
जीत की खुशी देख कर जिते है,,-