जब मै 5 वर्ष की थी तब पापा मुझे 4 बजे उठा कर पढ़ाया लिखाया करते थे। तब शायद मुझे पढ़ाई का महत्व नहीं पता था, पर मेरे पापा मेरे उज्जवल भविष्य की नींव रख चुके थे जो आज फलीभूत भी हो चुका।
मेरे पापा एक छोटे किसान है पर उनकी इच्छाशक्ति उतनी ही मज़बूत जिसके कारण उनकी आर्थिक स्थिति, मेरे उच्च शिक्षा में कभी बाधा न बन सकी।
मेरे जीवन के हर कदम पर मेरे माता पिता साथ, विश्वास और आशीर्वाद हमेशा बना रहा है और आगे भी बना रहेगा।।
गर्व है मुझे एक किसान पुत्री होने पर
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