QUOTES ON #स्वच्छता

#स्वच्छता quotes

Trending | Latest

"पर्यावरण"
हरा भरा हो जीवन सबका
स्वस्थ रहे संसार।।

(अनुशीर्षक में पढ़ें)
अवनि...✍️




-


17 SEP 2017 AT 14:12

स्वच्छता सिर्फ तन की नहीं मन की भी जरुरी है
हो जायेगी धरा भी स्वच्छ मानसिकता बदलना जरूरी है
सह लेंगे हम धरा की गन्दगी क्या हो जायेगा इससे?
कैसे सहेंगे उनको जिनकी चरित्र ही गन्दी है?
हर जगह स्वच्छता हो सब ने यही बतलाया
किसी ने ये नहीं कहा खुद को बदलना जरूरी है..!!

Date:- 17 सितम्बर 2017©

-


18 SEP 2017 AT 6:57

नींव रख दी है ईमारत बन ही जाएगी
बुनी है बीज खेतों में
फसल भी लहलहाएगी।
कोपलें फूटी हैं
प्रयासों से अब सींचना है
अभियान की अनभिज्ञता अवहेलना को
चेतना में साकार रूप देना है।
चौखटों के दायरे
आगे बढाना है
देश है ये है "घर" मेरा
बेहतर समझना है।
तीलियाँ चिंगारियों में बदलेंगी
मशाल जल ही जाएगी
नींव रख दी है ईमारत बन ही जाएगी।
परिवेश की सुंदरता जब मुस्कुराएगी
स्वच्छता अभियान बेशक रंग लाएगी।

प्रीति

-


17 JAN 2020 AT 11:19

सरकार स्वच्छता मिशन चला रही है।
ये बात अनपढ़ को भी समझ आ रही है।
फिर ये पढ़ा लिखा क्यों कचरा करता है।
क्या हुआ,क्यों आज कवि तू रोता है।।१।।

एक दिन जब क्रोध प्रकति को आयेगा।
दुनिया से सबका नामोनिशां मिट जायेगा।
दिल्ली की हालत क्या होती जा रही है।
अमेजन की आग,अफ्रीका की राख से कुछ समझता है।
क्या हुआ,क्यों आज कवि तू रोता है।।२।।

पर्यावरण का अर्थ तो सबको पता है।
लोग क्यों कहते है हमें कुछ न हुआ है।
सुन प्रकति तुझसे आज ये पाप हुआ है।
समान भाव से जो तूने पालन किया है।
पर तेरी ये बात आज कोन सुनता है।
क्या हुआ,क्यों आज कवि तू रोता है।।३।।

-


15 APR 2020 AT 8:29

पीछे तो वो हटते हैं
जो पोंछा लगाते हैं।
हम तो झाडू वाले हैं
आगे ही बढ़ेंगे
एक कदम स्वच्छता की ओर।

-


7 MAY 2021 AT 10:00

शास्त्र ओर स्वच्छता

-


27 JAN 2022 AT 21:32

स्वच्छ समाज, स्वस्थ समाज,
यह महज परिकल्पना नहीं, दृढ़ विश्वास है।
स्वच्छता, प्रदर्शन नहीं, आत्ममंथन है,
संकल्प है, जिम्मेदारियों का एहसास है।

स्वस्थ समाज की बुनियाद है,
संक्रमण रोकने हेतु एक फरियाद है,
पनपती बीमारियों की यही रोकथाम है,
जर्जर आदतों से जीतने हेतु एक संग्राम है।

स्वच्छता विशेष अवसरों
पर आयोजित अभियान नहीं,
प्रकृति के प्रति आभार,
संसाधनों का उचित सम्मान है।— % &

-



अगर किसी परिस्थिती के लिए आपके पास
सही शब्द नहीं हैं तो, सिर्फ मुस्कुरा दीजिये..!!
....शब्द उलझा सकते हैं,,पर....
मुस्कराहट हमेशा काम कर जाती है…… !

🌷आपका दिन शुभ हो🙏🌷

-


17 JUN 2020 AT 15:08

जब मूंह, केवल थूंकने के लिए ही खुले
दीवारों पर सुविचार नहीं, पर गीलापन हो
रास्तों पर रहबर से ज़्यादा, कूड़े के ढेर
गऊ माता चारा नहीं, कूड़ा प्लास्टिक खाती
स्वच्छता पर ध्यान नहीं, सब प्रशासन के जिम्मे

" गाड़ी वाला आया घर से कचरा निकाल, ना बजे!
तो कचरा वहीं सड़ता, जब तक गाड़ी ना आए "

लेकिन करें क्या ?

अरे ज़िम्मेदार नागरिक बन जाओ पहले... बहुत है !

- पंकिल देसाई

-


1 APR 2019 AT 16:48

मिट्टी में ही तो हैं बसा सभी चरो का गहन सार,
चंद्रमा उपग्रह झुमे औं पृथ्वी क्यों रोए बार-बार।

भौतिक सुखों के लिए हम कर रहे भू धरा में वार,
पेड़ कटे तो पृथ्वी में छा रही अब निराशा की दरार।

इस कूड़े के ढेर से बढ़ रहा पृथ्वी का बेहद भार
मंगल ग्रह कहें भू क्यों हो रहा तेरा धूमिल श्रृंगार।

विषैले मायाजाल से, उर्वरा हीन हो रही अब मिट्टी,
भू कहे अब मेरा दर्द बयाँ कर बृहस्पत को भेजो चिट्ठी।

रात योजनाएँ बन गई और कई प्रिंट मीडिया का प्रचार,
सुबह देखा तो वहीं अखबार रोड में पड़े मानो खरपतवार।

नदियाँ बहती इस आँचल में और झरने की देखो धार,
इस मातृ भू धरा को कोटि कोटि सदैव प्रणाम बारंबार।
-DEEP THINKER

-