@ केवल गणित वालों के लिए@
वो मेरी सूत्रधार है
मैं उसका प्रमाण हूँ
वो मेरी परिधि है तो
मै उसका व्यास हूँ
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हमें लिखने का शौख तो नहीं था
पर वक़्त की करवटों ने, वो भी सिखा दिया,
अब तो जिंदगी को इन पन्नों में घोलकर हमनें
इन्हें अपना सूत्रधार बना लिया।।-
एक सूत्र में ढाल कर जो सूत्रधार बना
जो दुनिया में एकता का आधार बना ।
जिसकी गाथाओं से ये देश महान बना
जिनकी कोशिशों से भारत एक बना ।
नमन उनको करते है हम दिल से आज
सरदार पटेल जी जिससे ये भारत आज बना ।-
सूत्रधार हूँ मैं, अभिनय तो तुम करते हो,
मेरा तो काम केवल पृष्ठभूमि में है,
अल्पायु ही मेरा जीवन है,
पर ये स्मरण रहे, मेरे बिना, तेरा न कोई अस्तित्व है, ना ही कोई आत्मा ना ही शरीर है...!!!-
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जिसको जी रहे हैं अपनी जिंदगी समझ कर
दरअस्ल इस जीवन का सूत्रधार ही कोई और है,
मैं कठपुतली, तुम कठपुतली,डोर का संचालक कोई और ही है।-
कहाँ, कितना निभाना है? सूत्रधार बताता है.
क्यों और कैसे निभाया है? किरदार जानता है.
किरदार के बदलने से, कहानी बदल जाती है.
सूत्रधार के बदलने से, दर्शक बदल जाते हैं.-
तुम जीवन का अध्याय नहीं हो
महाकाव्य हो तुम
अब भी मुझमें जीवित हो
मेरा अभिप्राय हो तुम
हूँ दूर जो तुमसे कुछ बात नहीं
फिर पास तुम्हें ले आऊँगा
होगा जो पल बिल्कुल मेरा मैं
तुम्हें उठा ले जाऊँगा
होंगे पास उस पल हम दोनों
ना तुम्हें छोड़ फिर जाऊँगा
मेरे जीवन की गाथा का
सूत्रधार सही हो तुम।-
पहचान के - 'बिना' !! अन्जान के - 'वीणा' !! जब भी - 'बजे' हैं !! संगीत इस - 'तरह' के - 'सजे' हैं !!
न शुर - 'लहरी' !! न स्वर - 'गहरी' !!
लगती - 'शुबह' भी !! धूप - 'दोपहरी' !!
न शुर का - 'शार' !! न स्वर का - 'विस्तार' !!
"बनती हर - 'श़ोर' का - सूत्रधार" !!
ॐ श्री गुरुभ्यो नमः ॐ
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