साधना जी सबसे पहले आपको जन्मदिन की हार्दिक बधाई।चन्द शब्दों की रचना आपके योगदान पर
मेरा कोट पढकर आपने
मेरा हौसला बढाया था,
हर दिन कुछ भी लिखकर
मेरी निगाहे आपके कमेन्ट
को ढूढती थी, और आज भी,
ढूढंती है, काफी समय बाद
आज भी पहले आपको ढूढंती हूं,
मैं नहीं जानती क्या लिखती हूं
पर जब कमेन्ट्स पढ़ती हूं
तब फिर देखती हूं क्या लिखा।
आपकी शालीनता नें मेरा हौसला
बढ़ाया ,इसके लिए दिल से आभारी हूं।
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