मेरा मन कहीं और लगा नहीं है
इस टीस का निवारण चाहता हूं
मुझे समाधान अभी मिला नहीं है
राग-द्वेष से पाप-पुण्य तक सोच लिया
प्रेम-घृणा से मिलन-विरह सब भोग लिया
कटु स्मृतियों का उद्यापन अभी हुआ नहीं है-
हमने देखी नहीं, हम बहुत व्यस्त थे
हम देखते नहीं, हम अभी भी व्यस्त हैं
न जाने कब हमें समय मिलेगा
न जाने कब हम ओस की बूंदें, देखेंगे छुएंगे-
मां के आंचल में जाकर छुपने को
पिता की पैंट पकड़ जिद करने को
यही बनेगा तभी खाऊंगा के हठ को
स्कूल के बस्ते को, कॉलेज के रस्ते को-
1. गेंद गुम होने पर खेल रुक जाना
2. पेपर लीक होने पर परीक्षा रद्द हो जाना
3. बाढ़ आ जाने से सड़क का दरिया हो जाना
4. सरकारी गाड़ी से लालबत्ती का हट जाना-
धिक्कार देना सरल है, सत्कार करना कठिन
धवल वेश वस्त्र व्यवसाय, के भी होते मन मलिन
छोटी बड़ी सोच का, विन्यास अत्यंत जटिल
जिस मानव की कूपमण्डूक हो, गति मति स्थिति
उससे वृहद विकसित सोच की आशा होगी धूमिल-
मन में यादों का मेला लगा लेता हूॅं
अलबेली उमंगों का रेला लगा लेता हूॅं
तन्हाई के सबक में, मजमे का हश्र देखता हूॅं
बचकाने हों या भयानक, हर खयाल पर हंस लेता हूॅं-
नादान बने रहने की
मेरी जिंदगी के उतार-चढ़ावों से
अनजान बने रहने की
तेरी अदाकारी तुझे मुबारक
बस अब कोशिश न करना
मुझ पर मेहरबान बने रहने की
मेरा कद्रदान बने रहने की।।-
दिमाग ने कहा बच कर
परिवार ने कहा शर्म कर
समाज ने कहा संभल कर
वकील ने कहा उम्र देख कर
डॉक्टर ने कहा ब्लड चेक कर
दोस्त ने कहा CCTV देख कर
पुलिस ने कहा आधार जांच कर
उसने कहा - आप कौन? मुस्कुराकर !!-
जरूरतमंद को उधारी मिले जैसे
सूखी रोटी को गर्म तरकारी मिले जैसे
बेरोजगारी का कोई भत्ता मिले जैसे
नौकरी के नाम पर लाठीचार्ज मिले जैसे-