नहीं है
शून्य से शुरू हो कर शून्य पर समाप्त होने वाले
रास्ते में न जाने कितने ही लेन देन हुए
कुछ चुक गए तो कुछ वांकी रह गए-
Arti Shakya
(Arti)
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Joined 6 June 2021
11 OCT 2022 AT 7:40
4 OCT 2022 AT 18:18
मैं बड़ी बेसब्री से तुम्हारी बाट जोह रही हूं
तुम्हारे बसने के लिए मेरे घर में खूब सारी जगह है-
4 OCT 2022 AT 18:14
कि अपनी अपनी जिंदगी के ज्वार भाटे से निपटो
दूसरों की जिंदगी में उथल पुथल क्यों मचाते हैं-