सरल, सुमधुर, सकल सदाचारी,
सहगामी, सहज, संस्कारी सुधा!
संवेदन संभाषण, सक्षम संतोषी,
सिद्धहस्त, सचेतन, समग्र सुधा!
सत्यापित सद्गुण, सदैव सबल,
सीख सरिता सी, सदिच्छा सुधा!
समता, समदर्शी, समरस समर्थ,
सुखसाध्य सुखी, सम्यक सुधा!
सरस्, सम्मोहक, सर्जक सलीका,
सुधामय, सुधानिधि, सुनंदा सुधा!
संजीदा संजीवनी, संयमी, सुहृदय,
साझी, साथी, सहेली, सखी सुधा!
__राज सोनी__-
मैं प्रकृति और तुम पुरुष, मैं धरती तुम अंबर हो ।
तुम पर्वत मैं जलधारा ,मीठे पानी का सरवर हो ।
तुम वायु मैं तरंग तेरी , मैं हूॅं तपत तुम अग्नि हो
व्याप्त हमारे चारों ओर प्रदूषण रहित चराचर हो ।
सुधा गोयल
रचना अनुशीर्षक में...........
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उम्र लंबी हो
हमें ज़रूरत है तुम्हारी
ज़िंदगी के लिए
हैप्पी बर्थडे💐💐-
प्रेम सुधा की बारिश में,
हो जाऊँ जो लिखने वाला,
बस मैं तेरा हरिवंश रहूँ,
और तुम मेरी मधुशाला..-
सौंदर्य की करो तलाश, मन की सुंदरता जरूरी है।
ये तन आज है कल ढल जाएगा, "मन" ज़रूरी है।
सब कहते हैं "मन की सुंदरता" को देखना चाहिए।
जब समय आता है तो कहते लड़की सुंदर चाहिए।
पहले पहल जब दिखता है रूप यौवन अच्छा लागे।
मन को छोड़कर ये बावड़ा जीव तन के पीछे भागे।
मन साफ रखो साथी "अच्छा जीवनसाथी" मिलेगा।
जो चाहिए तुझे दिल साफ़ होने पर पक्का मिलेगा।
सबकी अपनी अपनी सोच है सबका अपना दायरा।
कोई नहीं है किसी का यहां मतलब है सबको प्यारा।
हर मोड़ पर मिलता है एक साथ एक नया रहगुजर।
पता नहीं कब कौन कब साथ छोड़ दें, जाएं बिछड़।
ख्वाहिशों का क्या है, इनका मन कभी भरता नहीं।
जो अच्छा लगता हैं वो पसंद करें, सही करता नहीं।
सबने जो भी किया है उनका कोई न कोई हिसाब है।
ये जिंदगी और कुछ भी नहीं तेरे कृत्यों की किताब है।
सीख मिल रही है जब भी तो ले ले रे बंदेया आज तू।
दिल की बातें दिल में ही रख अपने को बता राज़ तू।
हुआ है जो भी किसी अच्छे के लिए हुआ है "अभि।
तूझे जो भी चाहिए देख मिल जाएगा कभी न कभी।-
मिलन की व्याकुलता को समझ तुम
चांद बन नभ शीर्ष पर तुम दमकते हो
चंद्रप्रभा शीतल सुधा की अमृत वर्षा कर
मुदित-मन की कुमुदनियो पर तुम बन भ्रमर ,
मन को मधुर मालती सा महकाते हो-
फल की चिंता मत कर
जितना दे सकता है दिये जा।
सुधा तुझे यहीं मिलेगी
दुखों का घूंट पिये जा।-
समय अभी बुरा है, ओझल है चाॅंद अमावस का
है अंधेरों का सितम बन सूर्य चमकना चाहती हूँ-
कर गई वो मदहोश मुझे,
बन कर मय का प्याला,
ना होश रहा खुद का,
जैसे हो कोई मधुशाला....!-