Sudha Goyal   (सुधा गोयल 'शाश्वता')
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Sudha goyal
Joined 8 April 2021


Sudha goyal
Joined 8 April 2021
3 OCT AT 19:20



लब पे मेरे गीत अमन के , नयन में पलते है सपने
दिल में है फ़िक्र वतन की ,परचम उनका लगे फहरने

"सुधा गोयल"
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23 SEP AT 13:22



कश्तियाँ कागज की जो तैर जाए तूफ़ां में
महफ़िल में खुद को यूँ आजमाने चले आये

सुधा गोयल

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13 SEP AT 19:02

मेरे अजीज, मेरे लाड़ले
लिखूँ आज पाती तेरे नाम
इक पल को भी भूल न पाई।


















तू इस तरह बसता है मुझमें
असमय ही छोड़ गया तू
पर मैं यादों से छूट ना पाई ।

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11 SEP AT 16:51

रात का प्रहर
कुछ और आगे बढ़ा
मगर वो जाग रही थी
मुझे नींद का नशा चढ़ा
आखिर रहा न गया

रात से कहा हमने
मेरी नींद उसे दे दो
जागूँगा साथ तेरे रात भर
उसे सुकून से सुला दो
और उसे सोता देखा

मुझे भी सुकून मिला
और ये सुकून बढ़कर था
जो सोने से मिलता
उससे कहीं ज्यादा हटकर था।

"सुधा गोयल"

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3 SEP AT 20:38






मुस्कुराके गुलाब की ख़ुशबू सी ज़िंदगी कर ली
इसी बहाने खुदा से हमने शीश बंदगी कर ली

"सुधा गोयल"




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25 AUG AT 14:03

मलयागिरी से आती जैसे वो पवन संदली चाहिए
नस नस में सौरभ भरें यूँ परिमल दृष्टि तौर कोई

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19 AUG AT 13:15

गुजर रहे हैं जमाने ज़ख्मों को सीते सीते
राहत ए सब्र न आया कभी अश्क पीते पीते

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14 AUG AT 13:00



भारत माँ की बेटी हो नवभारत तुझको गढना है
स्वतंत्रता की बलिवेदी पर तुझको खरा उतरना है

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8 AUG AT 11:41


"जन्मदिन मुबारक दीप्ति"

यह प्रेम का प्रतीक गुलाब , ढेर सारा प्यार लाया है।
उमंग और मुस्कान सहित खूबसूरत उपहार लाया है।

भोली भाली प्यारी सी दीप्ति का जन्म दिन आया है
जो दिल में वही जुबान पर, मासूमियत का साया है ।

ईश्वर खोल देना खजाने गुलाब की कलियों के सारे
जिधर देखे वो उधर ही हों खूबसूरत गुलों के नजारें ।

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6 AUG AT 13:33

खिल उठे हैं गुल की तरह, देखे थे जो सपनें हमने
सारा का सारा समंदर सहेज लिया नयनों में अपने

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