हर नयन में ऑंसू है, व्यथा हरदिल की है कहानी
वृक्ष को देखा खुद जले, औरों को दे छांव सुहानी
'सुधा गोयल'
अनुशीर्षक:--
Sudha Goyal
(सुधा गोयल 'शाश्वता')
623 Followers · 398 Following
Sudha goyal
Joined 8 April 2021
20 JUN AT 18:41
13 JUN AT 19:39
इक ख़्वाब सजा था अँखियों में पहले से बेशक
तुम जो आए तो ख़्वाब की तामील हुई हो जैसे-
12 JUN AT 6:07
पारूल जी को अवतरण दिवस की ढेर सारी हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ 🎂🎂🎂🎂
योरकोट की बलिहारी मिली पारूल सी बहना प्यारी
आज दिन विशेष आपका खिल जाए फूलों की क्यारी-
29 MAY AT 15:27
कुंदन बन निखरता प्रेम विरहा की भट्ठी में तपकर
नारी बनी शक्ति नर की, पीती गरल उर में हंसकर-
14 MAY AT 13:23
जुनून का है ये चिराग कई आंधियों पे रहेगा भारी
दुनिया को बदलना है तो आग जिगर में रहे जारी-
5 MAY AT 12:26
मेरे आंसू टंगे हैं , वृक्ष की हर शाख पर
ले उधार नैनों से, शबनम बही है रात भर-
25 APR AT 14:22
करो बंजर उस जमीं को आतंक के बीज पनपते हैं
विषैली हो जाती है हवा उस मुकाम से गुजरते हुए-
16 APR AT 11:38
तुम जो कह दो तो यकीनन मुस्कुरा लेंगे हम
पर वो मुस्कुराने की सलोनी सी वज़ह दे दो-