बातो में ही नहीं ,तो मेरे दिल में भी है..
सपनो में ही नहीं,तू मेरे जिंदगी में भी है...-
नेह लगे न दुनिया से
तो सन्यासी ही बन सकता है,
फिर फ़िक्र क्या इस बात की
कि ज़िंदगी में अकेला रह गया।-
पता है मेरी एक सपनो कि दुनिया है,
जिसमें कम लोग है लेकिन कमल के लोग है,
इस दुनिया में सब मेरे पास रहते है कोई मुझसे दूर नहीं जाता,
मै इसमें बहुत खुश रहती हूं कभी रोती नहीं,
और सबसे अच्छी बात ये है कि ये जो मेरी सपनो कि दुनिया है ना मेरी असल दुनिया से बहुत अच्छी है।-
ये रातों कि खामोशी कुछ बता रही है
ना जाने क्यों मेरा दिल भी घबड़ा रहा है
पता है ये तेरे आने कि संकेत है लेकिन
फिर भी मेरा मन बहुत घबड़ा रहा हैं।-
नेह लगा ना दुनिया से,
एकांत ही रहना अच्छा है।
इस दुःखद वास्तविकता से ,
सपनो की दुनिया अच्छा है!!-
बिछड़े हम लोगों को छः साल हो गये,
उनसे बातें और मुलाकातें कभी हुई नहीं,
लेकिन कभी लगता नही हमे कि वो मेरे पास नहीं,
उसकी यादों के बिना कोई रात कटी नहीं,
बिना सपनों मे बात हुई एक भी रात कटी नहीं,
रहती वो हमेशा हमारे आस पास ही है,
मेरी परछाई बनकर वो मेरे साथ रहती हैं ,
कल की ही बात है सपनों मे आकर उसने मुझे झकझोर दिया,
गले लगा कर सारे गमों को दूर कर दिया,
खूब बातें हुई उससे कल सपने मे,
कुछ उसने कहा कुछ मैंने कहा,
बहुत सी बातो को कल उसने सपनों मे याद करा दिया,
भूली बिसरी यादों को फिर से उसने संवार दिया।
हर रात वो आती है बहुत सारी बाते करती हैं,
अपनी कमी वो मुझे महसूस नही होने देती है,
दूर इतनी हो गयी है अर्सो से उसे नहीं देखा,
फिर भी नहीं लगता कि उसे मैंने नहीं देखा,
दिन हो या रात जब भी सोता हूँ वो जाती है मेरे पास,
बहुत सारी करती है वो मुझसे बात।
उसकी आवाज उसकी आँखे उसकी अदायें,
सब सपनों मे आकर मुझे फिर से भाये।
जब मुलाकात सपनो मे हो जाती है ,
तो उसे आने की जरूरत ही क्या है,
हर कल आज जैसा ही लगता है,
वो मुझसेआज ही बिछड़े जैसी लगती है,
कभी लगा नहीं हमे कि वो मुझसे दूर है,
दूर कैसे हो जाय वो जो सपनों मे पास रहती है।
कल वो फिर से सपनों मे आयेगी,
मुझे भूलना मत ये कहकर जायेगी।
फिर उसकी कमी नहीं महसूस होगी,
क्यों कि वो फिर से सपनों मे आ जायेगी।
-
सपनों के धुंध में तो सब खडे हैं
थोड़ा हकीकत से समना करो...
मैं हरकदम तुम्हारे साथ हूँ
एक बार तुम मुझसे बात तो करो...-
न जाने क्यों मेरे अपने ही,
मेरे सपनों के दुश्मन बन रहे है|
और हम किसी अपने के लिए,
उन्हीं से रिश्तों की डोर जोड़ रहे हैं|
चेहरे पर मुस्कान लिए,
दिल ही दिल में आसू बहा रहा हूँ|
मैं किसी रिश्ते में नहीं पडना चाह रहा हूँ,
पर किसी अपने की खातिर मजबूरी में निभा रहा हूँ|-
जिसने मुझसे पुछा था
आप कैसे लिखते हो
उसी ने फिर मुजसे पुछा
आप कहा रहतो हो
मेने भी मुसकुरा केे कहा
अपने सपनो की दुनिया मे-