Amresh Giri   (गिरि की कलम से ✍️)
1.7k Followers · 3.6k Following

read more
Joined 10 October 2019


read more
Joined 10 October 2019
28 APR AT 8:16

हादसे बहुत हुए ज़िंदगी में एक और हादसा हो गया,
इतने हादसे मेरे साथ हो हुए कि हादसों से मेरा घर भर गया।।
हर बार मैं बचता रहा मौत से शायद नेकी का फ़ल मिल गया,
शायद कुछ अच्छा हो जिंदगी में इसलिए हादसे से बच गया।।
_गिरि कि कलम से ✍️


-


28 APR AT 8:04

नजरें तो आए दिन किसी न किसी से टकरा जाती है,
बेशक दिल अब किसी से नहीं टकराया नही करता है,,

दिल को दिल से आख़िर अब कैसे मिलाया जाए,
दिल को पहले का ज़ख्म भुलाया नही जाता है।।

मेरे वो पुराने जख्म फिर से कई बार दोहरा जाते है,
जब राह चलते मेरी आंखे किसी से टकरा जाती हैं।।

-


9 APR AT 22:33

तेरी एक आहट मैसेज कॉल से बैचैन हो जाता हूं मैं,
तेरे बिना अब कहां चैन की नींद सांस ले पाता हूं मैं।।

-


9 APR AT 19:57

दिल के दर्द को समझने लगा है कोई,
जख्मों पर मरहम लगाने लगा है कोई,,

मेरे दिल में फिर से पनपने लगा है कोई,
यूं तो अपना बनने पर उतर आया है कोई,,

डर है कहीं फिर से जख्म दे न जाएं कोई।।
कहीं मोहब्ब्त में फिर से गिरा न जाए कोई,,

मोहब्ब्त के दर्द को बड़े मुश्किल से भर पाया हुं मैं,
फिर से मोहब्ब्त के दर्द में उलझना नहीं चाहता हूं,,

मैं मोहब्ब्त की राहों को कब का छोड़ कर आया हूं,
मैं अब उससे मोहब्बत नहीं दोस्ती करके आया हूं।।

मैंने सुना है दोस्ती कभी साथ नहीं छोड़ती है,
सुना है दोस्ती मोहब्बत को भी मात देती है।।

सारे जख्मों को दोस्ती तार तार कर देती है,
मोहब्ब्त तो इंसान को जीते जी मार देती है।।
_गिरि कि कलम से ✍️


-


30 MAR AT 9:07

ऐ इश्क़ की बीमारी बडी अजीब है,
जिसकी कोई दवा नसीब नहीं है,,

जान बोल कर जान ले लेती है,
हाथों में बस जाम दे देती है,,

लबों को ख़ामोश दिल को बैचैन कर देती है,
ऐ इश्क़ हंसते हुए इन्सान की जान ले लेती है।

-


19 MAR AT 11:14

हवा नहीं हूं जो उड़ जाऊंगा,
समा की तरह बुझ जाऊंगा,
कायर नहीं जो मैं डर जाऊंगा,
शायर हूं मरने के बाद भी याद आऊंगा।।

-


11 MAR AT 11:07

दर्द से भरा मेरे दिल का हर एक कोना,
मेरे मरने के बाद मुझ पे मत कोई रोना,,
जले हुए जख्मों पर नमक मत छिड़कना,
अपने झूठे आंसू मेरे मैयत पर मत बहाना,,
मुझे फ़िर से तुम बस कर्ज़दार मत बनाना,
मेरे मरने के बाद आग के हवाले बस कर देना।।
💔💔💔
_गिरि कि कलम से ✍️

-


11 MAR AT 10:51

शराब मेरे गम को भुला दे ऐ शराब कि औकात है नहीं,
शराब कि महफिले इसलिए मुझे कभी रास आती हैं नही।।
🙂🤪😂

-


9 MAR AT 18:45

यहां हर कोई बदला अपने अपने तरीके से,
अब मेरी बारी मैं भी बदलूंगा अपने तरीके से।।
_ गिरि कि कलम से ✍️

-


8 MAR AT 9:19

अपनों के साथ हर कोई रहता है,
अपने साथ कोई नहीं रहता है।।

-


Fetching Amresh Giri Quotes