चाहत जो थी नहीं
उसी को चाहना पड़ रहा है,
मेरी जो चाहत थी
उसे को अब छोड़ना पड़ रहा है।।
_गिरि कि कलम से ✍️ 😍-
मोहब्बत अगर नोटों की गुलाम हो गयी ,
तो समझो वो मोहब्बत और भी बदनाम हो गय... read more
चाहत जो थी नहीं
उसी को चाहना पड़ रहा है,
मेरी जो चाहत थी
उसे को अब छोड़ना पड़ रहा है।।
_गिरि कि कलम से ✍️ 😍-
चाहत जो थी नहीं
उसी को चाहना पड़ रहा है,
मेरी जो चाहत थी
उसे को अब छोड़ना पड़ रहा है।।
_गिरि कि कलम से ✍️ 😍-
सुंदरता आपके विचारों,कर्मों और वाणी में होनी चाहिए,
सुंदर शरीर का क्या एक दिन जलकर राख हो जायेगा।।
_गिरि कि कलम से ✍️-
ख़ुद के शरीर पर लगी चोट पर मरहम लगाते हो,
तुम फ़िर दूसरे जीव जंतु को मार क्यों खाते हों,,
ढूंढते हो मन्दिर मस्जिद चर्च में ईश्वर को,
पाप करके तुम किस मुंह से मंदिर मस्जिद में जाते हो।।
हर कण कण में जीव जंतु में ईश्वर का वास है,
आंखे बंद करके देखो ईश्वर अपने पास है।।
गिरि कि कलम से ✍️-
ख़ुद के शरीर पर लगी चोट पर मरहम लगाते हो,
तुम फ़िर दूसरे जीव जंतु को मार क्यों खाते हों,,
ढूंढते हो मन्दिर मस्जिद चर्च में ईश्वर को,
पाप करके तुम किस मुंह से मंदिर मस्जिद में जाते हो।।
हर कण कण में जीव जंतु में ईश्वर का वास है,
आंखे बंद करके देखो ईश्वर अपने पास है।।
गिरि कि कलम से ✍️-
मैं इतना दूर भी नहीं कि तेरे पास आ न सकूं,
मैं तो तेरे रूह में हूं तुझसे कभी दूर जा न सकूं।।-
जब से तेरी नजरों के शिकार हुए हैं,
हम तो आए दिन फिर बीमार हुए हैं,,
लोग पूछते है कि कहां गुमसुम रहते हो,
हम तो मुस्कुरा कर तेरा नाम लिए फिरते है।।
_गिरी कि कलम से ✍️
-
तू एक बार इजाजत तो दे,
मैं तेरी हर सांसों पर अपना नाम लिख दूंगा,,
तू एक बार प्यार से बोल दे,
मैं तेरे नाम पर भी एक किताब लिख दूंगा।।
😁🙏❤️-
ऐ दिल की है मेरी धड़कन,
मैं उसके नाम करता हूं,,
इश्क में मै ऐ पैग़ाम करता हूं,
हर शाम को मैं उसके नाम करता हूं।।
_गिरि कि कलम से ✍️❤️🙏-