सहूलत हो गई है
पारंपरिक कार्य अब
मशीनों ने कर दिया आसान,
मिनटो में निपट जाते
सारे काम,
लेकिन इस सहूलत ने
किया ऐसा नुकसान
सांसों को तरस रहें
बूढ़े, बच्चे और जवान-
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कुछ कहने की जरूरत नहीं
होगा न इससे कोई लाभ
आँखें हैं पर देख न सकें
क्या करना तर्क ऐसे जन से-
बीती बातों में मत उलझो
निकल इस कफ़स से
खोजो कुछ नए रास्ते
ठहरा पानी सड़ जाता है
गति बनाती निर्मल इसे
अपना इस फलसफा को
बढ़ते रहो जीवन में-
दिल की तलाश में
बीती जिंदगी सारी,
दिल है साथ यह
गलतफहमी हमने
भी है पाली,
धड़कन है रक्त प्रवाह है,
पर संवेदनाओं का अभाव है,
मशीन सा धक- धक करता
एहसास दिलाता कि
जिंदगी बची है आली
खोज सको तो खोज लो
भावनाओं से भरा
इंसानी दिल आली-
विचार अगर निर्मल है
पहल कोई सकरात्मक हो
तो मन की कली खिलते देखो
मुस्कुराहट का विस्तार देखो-
Attachment in Detachment beautifies spiritual thoughts.
Even Remaining far from the vision the heart beats forever.
Apart from hatred love flows continuously inside-
तुम्हारे होते
क्यों इतना बेबस है इंसान
इंसानियत का
बचा नहीं नामोनिशान
कैसी सृष्टि रची तूने
ओ जग के पालनहार!
हर ओर मचा है
भयंकर हाहाकार
खोल आँखें अपनी
दिखा अपना चमत्कार
प्रभु तेरी यह सुंदर रचना
न हो ऐसे बेकार-
हमको अंदाज़ा नहीं था
तेरे कष्टों का माँ
तेरे खिले मुख पर देखता
केवल ममता की छाया
पता नहीं था मुस्कुराहटों में
छिपे थें कितने ज़ख़्मों के राज
ओ स्नेहमयी माँ!-
तन्हाई वरदान है
तन्हाई ही अभिशाप
ज्ञानी जन तलाशते इससे
मुक्ति का सुगम मार्ग
सामंजस्य जो न करते
पाते जीवन में अवसाद
एक ही शब्द है,
पर अलग- अलग परिणाम-