ई त घर- घर के कहानी बा
के समझी ई बतिया हे
राह देखे गउवा के घर
कब अयीहन तारनहार
खंडहर में संजोले कहानी
ढहल ढिमलायिल जाता आज।-
Tulika Prasad
(Tulika Prasad)
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आहत मन की आवाज है मेरी यह बेबाक कलम. लोक कथाओं को संजोये बढ़ता है लेखन का सफर.
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Joined 11 December 2018
13 HOURS AGO
14 HOURS AGO
विस्मित हूँ इस बात से
आबादी है यहाँ लाख में
फिर भी सन्नाटा शोर मचाता है
क्योंकि शहर अपने में खोया रहता है-
15 HOURS AGO
My father and I are like
kite and its tiny rope.
He liberates the kite
to soar into the sky,
but the string remains
in his control.-
16 HOURS AGO
Father!
No word further
You're that channel
which always inspired me
in different manner,
I'm your reflection
really there's no confusion
🙏-
17 HOURS AGO
बाउजी परनाम
साथ कम रहल राउर
लेकिन एतना त अभियो बा याद
गोद में राउर बनल
हमार जिनगी के सभे काम
देहिया के पोर पोर पे
लिखल राउरे नाम
बाउजी परनाम-
17 HOURS AGO
मेरे पिता
वो शिल्पकार है
जिन्होंने इस जीवन को
दिया मजबूत आधार
शत -शत प्रणाम!-
14 JUN AT 18:41
जाने की जल्दी थी हवाई रथ पर सवार
विछोह सहन न हुआ धरती को
कतर दिया पर तभी जब हुआ उड़ने को तैयार।-