QUOTES ON #शिमला

#शिमला quotes

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16 SEP 2019 AT 20:06

पहाड़ का हर कोना मेरे दिल में आकर बैठा है
हिमाचल की मोहब्बत को मैंने कुछ ऐसे समेटा है

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शिमला सी वहा मोहब्बत की ,
वादी नही होगी ,

पर जो आप मिल जाये मुझे ,
मेरे Train के सफर में ,

तो वह A.C Coach की सर्दी ,
किसी मोहब्बत की ,
सर्दी से कम नही होंगी ।

⛄💗🤗🤗💗⛄

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11 AUG 2021 AT 6:32

कितने सावन उधार हुए
हम नयनों से बेजार हुए
अब न आना मेघदूत तुम
कोई संदेसे पास नहीं मेरे

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18 MAR 2020 AT 9:22

कुछ बात है तुझमें,जो तुझे मेरा ख़ास बनाती है,
हवाएँ तेरी गलियों में यूँ ही तो नहीं इठलाती हैं।

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5 FEB 2021 AT 11:19

फ़िर से उड़ चला दिल ये बेसबर,
उस कूंचे उस गली, बर्फिले शहर पर।

उड़ चला उड़ चला दिल ये बेखबर,
उस रस्ते उस नगर शिमले दी वो डगर।

पहाड़ों की चौखट वो हवाओं की हरकत,
ठंडी सी बस्ती जैसे ख़ुदा की हो रहमत।

आसमाँ को छूते चीड़ देवदार की हसरत,
सुहाना सा मौसम वो रंगीन रहगुज़र।

कुछ यादें पुरानी वो ख़्वाबों का सफ़र,
पहाड़ों की रानी को फ़िर मिलने है बेसबर।

उड़ चला उड़ चला दिल ये बेखबर,
उस रस्ते उस नगर शिमले दी वो डगर।।

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9 JUN 2020 AT 23:48

मेरे बस में नहीं
जो बहुत कुछ घटित होता रहता है, मेरे आसपास ।
मेरे बस में ये भी नहीं, कि समझ सकूँ,
इन सारी जटिलताओं को,
जो मेरे आस पास उगती रहती हैं, खर पतवार की तरह,
बिना किसी रसायन के,क्योंकि में जैविक हूँ,
जैविक ही मुझे भाता है ।
इसी लिये निकल लेता हुँ, वक़्त मिलते ही,
पहाड़ो की तरफ,जो मैंने अपने मन के भीतर
बहुत सलीके से उगा रखे हैं,
सचमुच के पहाड़ों की तरह,
मेरे भीतर, मेरा, अपना ही एक शिमला है।

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7 FEB 2019 AT 16:53

ये मौसम भी न .

इधर बादल अपने आंसू के जरिए जमीं को चूमना चाहता है

उधर फिजूल में ही सूरज बादल से जंग कर रहा है

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9 OCT 2021 AT 8:00

"एक खूबसूरत सी शाम शिमला के नाम"
~ जया सिंह ~










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2 JUN 2018 AT 1:03

आज घर की सफ़ाई के वक्त वही तस्वीर मिली है।
कौन सी तस्वीर रमा?
वही जो हनीमून पर मैंने ली थी,चुपके से।
दिखाओ जरा!मुझे याद नही।
ओहहो! आप भी बहुत भुलक्कड़ हैं,रुकिए अभी लाई।
तस्वीर देखते ही रमन को वो रात याद आ गई।
घर की चहल-पहल में रमा और रमन के बीच कोई सम्बन्ध बन नही पाया था या यूं कहें रमन ने कोई रुचि नही दिखाई थी रमा में।
चार दिन बाद कि टिकट बुक थी दोनों के हनीमून(शिमला) की।रमा बहुत खुश थी पर रमन के चेहरे से रौनक गायब थी।होटल के कमरे में घुसते ही रमा का चहकना शुरू हो गया था,जी आपने देखा कितनी ठंड है यंहा।
हम्म..
एक बात कहूँ?
हम्म..
आप बहुत स्मार्ट हैं।
रमन को हल्की मुस्कान में देख रमा झूम उठी और गले लग गई रमन के।
रमन ने भी भर लिया रमा को अपनी बाहों में।
आज सुहागरात मना रमन का मन लगा नही कमरे में।
वो निकल आया कमरे से बाहर, अपने मन से उसे निकालने जिसकी वजह से वो अपनी पत्नी से दूर और कटा-कटा सा था।
क्या हुआ जी?
कुछ नही रमा।बहुत सुंदर तस्वीर और याद है।
कितनी बरफ गिर रही थी पर आपको तो ठंड का एहसास ही नही था।क्या सोच रहे थे आप?
मैं,बस यही की तुम्हें वो दे पाया या नही जो तुम चाहती हो।
जी नही दिया।
मतलब?
मुझे बेटी चाहिए थी,आपने तो बेटा दिया।
चलो फिर!बेटी भी दे देता हूँ।
चलिए भी काम करने दीजिए।
मुस्कान लिए रमा किचिन में जा चुकी थी और रमन खो गया था उसी तस्वीर में,जैसे उस दिन खोया बैठा था।

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27 APR 2020 AT 15:47

बहुत सुकून है पहाड़ में दम सा घुटता है इस भीड़ भाड़ में सोचता हूं कैसे करू मैं शहर में समय ब्यतित पहाड़ों से जुड़ा है मेरा अतीत फिर से बैठना है मुझे मां के आंचल में अब जाना ही होगा मुझे मेरे गांव हिमाचल में

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