Neha   (Pakhi)
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Joined 28 August 2019


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13 MAR AT 11:08

होंठों के नीचे जो इक तिल है,
कुछ उन्स हमको उससे भी है।

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13 FEB AT 11:16

नज़रें करने लगी हैं बातें,
बातों बातों में थोड़ा दिल को आज़माने दो।

जो नज़दीक बैठे हो हमारे,
हमीं में उलझे रहो और ना कोई बहाने दो।

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12 OCT 2023 AT 12:41

वो अनजान मुसाफ़िर इक रोज़ शहर में आया था,
क्या ढूंँढना था उसे उसने जो मेरा पता बताया था।

मिलने की चाह थी कुछ कुछ तो मन घबराया था,
फ़िर भी हमने भी तो उसकी हांँ में हांँ मिलाया था।

पहली मुलाक़ात थी जो अपनी गंगा के किनारे पर,
इक नाव में बैठने को उसने अपना हाथ बढ़ाया था।

शरमाते इतराते हमने भी हाथों से हाथ मिलाया था,
इक सिरहाने वो था बैठा उसने ही पतवार उठाया था।

धीरे धीरे मचलती नाव दिल की धड़कनें बढ़ाती थी,
क्या कहें अपनी मुस्कान को कितना हमने छुपाया था।

नज़रें मिलती थी कभी कभी नज़रें झुक सी जाती थी,
ऐसे ही हम दोनों ने बस ढलती शाम का वक्त बिताया था।

कितनी बातें कहनी थी कितना आंँखों ने बतलाया था,
फ़िर भी कुछ कहे बिन हमने मोहब्बत को आज़माया था।

पहली चाहत पहला क़िस्सा ये दिल भूल ना पाया था,
वो अनजान मुसाफ़िर इक रोज़ जो मेरे शहर में आया था।

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12 OCT 2023 AT 11:54

किसी ख़ास को इंतज़ार रहा होगा अपना भी...
यूँ मोहब्बत की रेल किसी स्टेशन पर ठहरती नहीं...!

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10 OCT 2023 AT 12:02

उनसे मिलने को धड़कने कुछ यूँ बेकरार करती हैं,
जिस तरह से रातें शाम ढलने का इंतज़ार करती हैं।

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3 OCT 2023 AT 21:01

सब कुछ भूल जाने के वक्त ही,
तुम बड़े याद आते हो......

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18 SEP 2023 AT 9:39

महकती चाय ये बहकता मौसम,
यादें कुछ पुरानी सी,
और ज़रूरत क्या है किसी ग़ैर से
दिल लगाने की..!

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17 SEP 2023 AT 22:03

अदा-ए-इश्क़ है रूठना और मनाना,
हर बार रूठ कर तेरा यूँ गले लगाना।

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24 MAY 2023 AT 0:06

धड़कनें दिल की तब भी ठहर जाती हैं,
ख़्वाबों में जब भी तुमसे मुलाक़ात होती है..!

मैं तेरी बातों की बाँहों में मदहोश रहती हूँ,
चांँद रुठ जाता है ऐसी भी क्या बात होती है...!!

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22 MAY 2023 AT 20:45

बात ये है कि हर बात पे जो तुम्हें याद करते हैं,
दिन-रात तुम पे मरते हैं ख़ुद को यूँ ही बर्बाद करते हैं।

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