हे प्रभु राम हमारे।
हमें राखो शरण तिहारे।।
जोगन हो गई तुमरी दासी।
अंखियाँ तेेरी दरस अभिलाषी।।
मन राम ही राम पुकारे।
हमें राखो शरण तिहारे।।
भव में डूबी नाव हमारो।
नैया प्रभु अब आन उबारो।।
जीवन डोर है हाथ तिहारे।
हमें राखो शरण तिहारे।।
जीव जगत सब तेरे हवाले।
अपनी रचना आप सम्हाले।।
स्वामी तुम, हम दास तुम्हारे।
हमें राखो शरण तिहारे।।-
निशुम्भ-शुम्भहरिणी,महिषासुर मर्दनी
शक्ति का अवतार तु ,माँ जगत -जननी|
दिव्य आयुध सुशोभित तु है अविनाशी
नव रूपों में पूजित ,संसार -बंधन विमोचनी|
आदि भी तु अनादि भी तु ,तु है भय हारिणी
सिंह की सवारी करे ,हे पर्वत -वासिनी|
भक्तों की रक्षा करे हे माँ स्नेह -प्रदायिनी
शरणागत का मान रखे ,तु हे माँ नारायणी |
सर्वासुरविनाशा और तु सर्वदानवघातिनी
धन्य -धन्य है तेरा नाम, तु है मोक्षप्रदायिनी|-
दे दे मुझे भी नागरिकता तेरे दिल की,
हमने भी कई दिन इसमें बिताये हैं...!-
हृदय विकल मम प्रभु बुलाते हैं
श्रद्धा से देख प्रभु गले लगाते हैं
ऐसी हुई कृपा अश्रु रुकते नहीं
शिव शिव शिव हम सिमरते हैं-
शरणांगत जुग जुग जिये, गाठी राखां आंण।
म्हाँ चाहे घर आँपणें, दो दन रा मिजमान।।-
याद रखिए कभी भी किसी के चरणों में अपने आपको न रखें, क्योंकि इंसान कभी भगवान नहीं हो सकता, जो शरणागत का स्थान हृदय में रखते हैं, इंसान उसे सिर्फ़ ठोकर मार सकता है।
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नि:शब्द हूँ, संतुष्ट हूँ,
मर्यादित हूँ, आनंदित हूँ,
भावुक हूँ, शरणागत हूँ,
अब जो भी हूँ बस तुममें हूँ,
बस तुमसे हूँ....😊
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शिव मेरे भोले के बाबा भोलेनाथ,
शिव मात्र शिव नहीं ज्ञान के स्त्रोत हैं..
शिव ही सत्य शिव ही सुंदर शिव ही रुद्र हैं..
शिव पर्वतों के वासी शिव विलासिता से खार हैं..
शिव पार्वती पति शिव प्रेम का अवतार हैं..
शिव भॉंग धतूरा पिए शिव मस्तमौला रूप हैं..
शिव चन्द्र धरे मस्तक शिव शीतल अवधूत हैं..
शिव नागों के देव शिव शरणागत रक्षक हैं..
शिव त्रिशूल धारी शिव दुष्टों के संहारक हैं..
शिव भूतनाथ शिव समाज के उपदेशक हैं..
शिव वडमरू ताण्डव के शिव संगीत के अनुदेशक हैं..
शिव हैं संदेश शिव जगत के आधार हैं..
शिव ध्यान धरो शिव का शिव कृपा के भंडार हैं...
जय हो बाबा भोलेनाथ, भोले भंडारी जय हो..🙏🏼🌺🐦🌺🙏🏼-
यूं सब्र को, मौन से ना तोल
बात क्या है, मुंह से तो बोल
दुविधा से घिरी खड़ी कबसे
देख मेरी ओर, बंद नेत्र खोल-