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2 सितंबर को अब देखो दुनिया से कब जाना हो 😂😂☺️
तब तक अपने कर्... read more
टेंशन बहुत है ढंग से ज़रा पेश आना
मेरे पास वक्त नहीं है पीछे मत आना /1/
कहना कितना आसान है ख्याल रखना
सच्चा प्यार ठुकरा के यार मत जाना /2/
पौधे को पेड़ बनने में है वक्त लगता
ताबीर टिकी हो उसको मत काट आना /3/
लकीर या फकीर है जिंदगी को आजमाना
मेरी परीक्षाओं का दौर है मत साथ आना /4/
बिल्लियां पालने वाला पाक शेरों से उलझ बैठा
आदत से जो बाज न आये "ताब" समूल मिटाना /5/
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दरिया हुआ मन सब्र बांधा न गया
टूटकर हौंसला अब शिला हो गया
एहसास को हवा देना सहज नहीं
थक हारकर वो तब करीब सो गया
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मन की तसल्ली होते हैं मन्नतों के धागे
ताकि बँधी रहें उम्मीद टूट ना जाये हम
अंततः होगा वही जो उसने तय किया
सब गांठे अहं की रहें अब मान ले हम
सपने टूटने से विश्वास नहीं बदलते
अंतरसंवाद कर मजबूत बन जाये हम
जिसका जितना आता है लेकर जायेगा
निमित्त बने हैं संबंध सब जान जाये हम
मोह में फंसा कराहता बेचारा सा आदमी
''ताब'' आजाद करके धागे शांत हुआ मन
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मेरी बढ़ी हुई है बेचैनी जब से बंद कर ली है उसने खिड़की
हर आहट पर लगता है अब खुली कि तब खुली खिड़की
परदा लगाने तक तो ठीक था हवा की शरारत से उड़ता था
इश्क में इसे गुस्ताखी कहते हैं जो इस तरह देते हैं झिड़की
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तुम्हे नज़र भर देखने का लोभ
तुम्हारे और नजदीक ले आया ।
सब कहते हैं कि ऑंखें बोलती हैं
तेरी आँखों में देखा यकीं आ गया।
दर्द, वफ़ा,प्यार या हो नाराजगी
हर इक जवाब पढना आ गया।
देखा नहीं कुछ आँखों के सिवा
मेरी आँखों में जलजला आ गया।
तुमने कहा आँखों में मत देखो मेरी
देखो तो अब मै कहीं का ना रहा।
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अधिकार तुम्हारा जब से इस दिल पर हो गया
सुधि बुधि सारी बिसर गई नाम तुम्हारा भा गया-
वो लम्हें भी कितने खास होते हैं
जब हम और तुम पास पास होते हैं
तुम्हारी सरगोशियों पर मै हंसती हूँ
और तुम मेरी नादानी पर समझाते हो
एक ही इयर प्लग से हम गीत सुनते
आखिरी निवाला एक दूजे को खिलाते
दिनभर के थके हारे हंसी मजाक कर
एक ही चादर में सीने पर सर रख सो जाते-
सुनो प्रिय ! तुम आत्मा हो मेरी
तुम हर सांस में महसूस होते हो
गैर मौजूदगी में जो गहराती रही
दर्द में भी जो पुर- सुकून कहती रही
यही मोहब्बत है बस यही मोहब्बत है
तस्वीर तुम्हारी रख सिरहाने सोती
कितनी ही बातें देख देख के कहती
सुनो प्रिय! लब देख मै बस मुस्काती
ऑंखें मिलते ही आँखों से बह जाती
यही मोहब्बत है बस यही मोहब्बत है
अर्धनारिश्वर से करूं मै दिन रात प्रार्थना
तुमसे ही साकार हो प्रिय मेरी प्रेम साधना
निकटता और समर्पण किसी से ना होगा
पुनर्मिलान है इस जन्म में सौभाग्य हमारा
यही मोहब्बत है बस यही मोहब्बत है-