The Warrior   (The Warrior)
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Joined 27 March 2020


Joined 27 March 2020
10 JUN 2023 AT 21:29

परिंदा तो वह भी
खुश ही नजर आता है
जो पिंजरे में चहचहाता है....
हकीकत जो जाननी हो
तो ज़रा परिंदे की
भिगी पलकों को निहारो....

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13 JAN 2023 AT 19:52

सफलता के आफताब की रोशनी
अब कुछ इस कदर चमकेगी,
महरूम सी जिंदगी फिर से ओप उठेगी।

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30 SEP 2022 AT 17:11

जिंदगी की किताब के मेरी
बिखरे कुछ पन्नों पर लिखी
अनसुलझी सी पहेलियां........
चल रही है संग मेरे इस कदर
जैसे हो पुरानी कोई सखी सहेलियां.......
उलझाती सी है मुझको देकर
रोज नयी अनुठी सी पहेलियां......
परेशान करती है पग पग पर मुझको
करके जिंदगी नयी सी अठखेलियां.......
बहलाती है राहो में कभी करके शैतानियां
तो कभी करके नादानियां.......
जिंदगी की किताब के मेरी
बिखरे कुछ पन्नों पर लिखी
अनसुलझी सी पहेलियां........!!!!!

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21 JUN 2022 AT 13:43

साथ जिंदगी का
छुटता तो भला,
पर छुटा भी तो
उससे जिसे
जिंदगी माना हमने......…..

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17 JUN 2022 AT 10:34

सागै लेर आयो,
आस रि नवी किरणां,
नवी शरुआत रे वाते नवो दन,
नवी उमंग नवी तरंग,
इब उठ अर् बढ़ आगे जिवड़ा,
नै हार करजा इब सैंग बाधा पार,
इ सैंग बातां केर आयो,
उगतो सूरज सागै लेर आयो।

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16 JUN 2022 AT 22:08

कुणने केउं रे
छळकता घडा ने
क मधरे मधरे रिसता जळ ने केउं
हरकता रास्या ने
क कुआं रि मुंडेर ने केउं
हीळ्या हीळ्या वायरा ने
क तपता सूरज ने केउं
पाणी भरती पणहारया ने
क रमता टाबरा रि टोळी ने केउं
इब तु ही बता रे जीवडा
कीकर केउं अर् कुणने केउं
पणघट री बातां

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16 JUN 2022 AT 19:46

जाणे मिठो सुपणो बणाय......
नैणां में राखज्यौ माने
जाणे तिको सुरमो बणाय.......
अधरा में राखज्यौ माने
जाणे खिली मुस्काण बणाय........
ओ म्हारा बादिला सिरदार
थ्है तो इब राखज्यौ माने
सदा हिवडे सु लगाय.........

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13 JUN 2022 AT 20:50

कुछ तो खास रहा होगा उन लम्हों में,
वरना कौन भला वक्त बेवक्त उन्हीं में
हरपल उलझनें को बेकरार रहता है.........

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8 JUN 2022 AT 13:51

जिम्मेदारियों के तले मुस्कुराहट लिए
जब कुछ ख्वाहिशें छिपा देते हैं,
साथ ही कुछ ख्वाहिशें भुला देते हैं
तब बचपन याद आता है.....

ना कही जाती है बाते मन की
अनकही सी हर बात रह जाती है,
चुपके से आंखों के किनारे नम हो जाते
तब बचपन याद आता है......

इस उलझी हुई सी जिंदगी को
सुलझाने में वक्त लग जाता है,
खोकर खुद को पाते है कहीं कुछ वक्त
तब बचपन याद आता है.......

कुछ इस कदर मशरुफ रहते है
खुद से मिले बरसों हो जाते है,
जब मिलते है खुद से बड़ी मासूमियत से
तब बचपन याद आता है.........

बांटकर सबको उनके हिस्से की खुशियां
हम खुद मुस्कुराना भुल जाते है,
तंग से आ जाते है जब जिंदगी से
तब बचपन याद आता है.........

एक बचपन ही तो है जो
जिंदगी के हर रंग से अनजान
रह खुल कर जी पाता है,
और जब भी तन्हाई घेरती है मुझे
तब बचपन याद आता है
हां, तब बचपन याद आता है.........

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8 JUN 2022 AT 10:24

Jo Mera H Hi Nhi Wo Kese Dedu Tumhe E Zindgiiii

Pr Ha

Jis Din Wo Mera Hoga Sara Ka Sara Tera Hoga

#WQT

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