चलाती रही राजमताएं राज काज परकोटे से
जलती रहीं पटरानियां दुश्मन को हराने को भी
कभी लिखा इतिहास के पन्ने अज्ञात बनकर
कभी छुपकर पुरुष को के वेश में जीती जंगे भी
पर अब ये ये वक्त है कि खुलकर जिएं जिंदगी
हम भी इंसान है समझे ये घर भी जमाना भी-
इनका होना हमें वास्तविक सुख की अनुभूति कराती हैं
वो अनुभूति जो फिल्मों से........-
"स्त्री "
तुम लय, छंद ,संगीत से भी प्यारी हो,
हां इसलिए स्त्री तुम न्यारी हो।
तुम सूर्य सी तेज ,चांद सी उज्जवल, कटार सी धारी हो,
हां इसलिए स्त्री तुम न्यारी हो।।-
तू न जाने क्या है शक्ति, स्त्री के अस्तित्व की,
सुनी होगी कहानियां तो, पन्ना के मातृत्व की।
भारतीय वीरांगनाओं की शक्ति का ज्ञान ले,,
कलम मेरी तलवार है, ये भी जान ले।।
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किसी का चाँद सियाचीन में ठहरा है,
तो किसी की मांग का सिंदूर हमले ने घेरा है,
खड़ा रहता है वो माँ भारती की रक्षा में,
अपनी रक्षा के व्रत में वो पहुँच नहीं पाता है।
महान है वो हाथों की चूड़ियाँ,
महान है वो महेंदी का रंग,
जो खनकती हैं एक फौजी के लिए,
जो रचती है एक वीर के लिए।
किसी का पहला करवाचौथ था,
तो किसी का सुहाग वाला चूड़ा अभी उतरा ना था,
फौजी आया तो, मगर तिरंगा उसका कफ़न था,
अब अर्धांगनी की इच्छाओं का होना दफ़न था।
#सभी_उन_महान_वीरांगनाओं _को_करवाचौथ_की_हार्दिक_शुभकामनाएं
🙏🙏🙏-
धरती पर रानी आ जाओ
करो मेहरबानी आ जाओ।
महलों वाले महलों में है
युद्ध नहीं अब करते हैं।
खादी वाले नेता जी भी
झूठे वादे करते हैं।
मरते सपने तड़फ रहे हैं
उन्हें मिले पानी आ जाओ।
धरती पर रानी आ जाओ
करो मेहरबानी आ जाओ।
बेटी पीड़ित अबला पीड़ित
पीड़ित हर एक नारी है।
नहीं मिला कोई समाधान
हर समाधान सरकारी है।
सत्ता की सब गुप्त बात,
सुनो बत लानी आ जाओ ।
धरती पर रानी आ जाओ
करो मेहरबानी आ जाओ।
देश की रक्षा करने वाले
जान गवां कर चले गए।
जिंदा रहकर ठगने वाले
फोटो छपवा कर चले गए।
सत्ता ही सर्वोच्च हो गई
तुमसे ही अब आशा है।
मरदानी तलवार चले
रोको मन मानी आ जाओ।
धरती पर रानी आ जाओ
करो मेहरबानी आ जाओ।
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ग़ुलामी से आज़ाद हुए हैं मगर अब वो राम कहाँ से लाऊँ,
ए माँ भारती अब तेरे पहले से बेटे नहीं मिलते बता उनको कहाँ से लाऊँ
लिखने को अब गद्य,पद्य,छन्द नहीं मिलते बता वो गोस्वामी कहाँ से लाऊँ,
ए माँ भारती अब तेरे पहले जैसे लाल नहीं मिलते बता उनको कहाँ से लाऊँ
ऐसा नहीं कि "हिमांश" को ख़ुशी नहीं इस आज़ादी के अमृतमहोत्सव की,
फिर भी ए माँ "भारती" बतलाओ वो पहले जैसी 'वीरांगनाएं' और 'बाल' कहाँ से लाऊँ॥
(सभी को आज़ादी के इस पावन अवसर की हार्दिक शुभकामनाएं)
🇮🇳जय हिन्द, जय माँ भारती🇮🇳-
Koshish karne me Herz kya hai
Kamyab ya n kamyabi apni apni
mukaddar ki baat hai aaj nahi to
takdir humara chamke ga kya mai
khade ho paunga kahna mushkil hai
lekin kamyab zindagi ho gi.-
भारत भूमि वीरों की पर वीरानगनाएं भी महान थी
देख के नारी शक्ति को अंग्रेज हुकूमत भी हैरान थी
कित्तूर की रानी चेन्नमा ने अपना बलिदान चढ़ाया था
लड़ी रणभूमि में ऐसे कि हर अंग्रेज सैनिक थर्राया था
फिर आई लक्ष्मीबाई जिसके चर्चे अंग्रेज भी करते थे
देखकर उसके शौर्य को अच्छे अच्छे वीर सँभलते थे
बेगम हज़रत, एनी बिसेंट हो या भीकाजी कामा हो
कृपलानी औ भारत कोकिला सा बनने का नारा हो
आज़ाद हिन्द फ़ौज़ की वो लक्ष्मी सहगल नारी थी
नेताजी भी मान गये वो अच्छे अच्छो पर भारी थी
देवी हो या योद्धा हो, सबको ही वैसा सम्मान दिया
नारी सम्मान देश में ऐसा कि भारत माता नाम दिया-