वृक्ष लगा पाओ सुख अपार,
प्राणवायु ले आओ घर-द्वार।
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आफ़त ज़िन्दगी है वर्षों का मैल है।
जुल्मों सितम पर भूल गए, सब लिखना,
हम हैं बागी, हमारा काम बग़ावत लिखना,
ना तख्तों ताज की ख्वाहिश, हमारी है,
हमारी प्रवृत्ति है, राष्ट्र भक्ति पर लिखना।।-
44 जवानों की राख सुलग रही है पुलवामा में,
बूढ़ी माँ का ध्रुव तारा टूट गया था पुलवामा में,
अर्धांगनी की चूड़ियों की झंकार शांत हुई थी पुलवामा में,
पिता के सपने को ठेस पहुंची थी पुलवामा में,
बहन के भाई की कलाई जली थी पुलवामा में,
भाई का प्रिय अग्रज इंच-इंच कटा था पुलवामा में,
उद्दण्ड, दुष्ट ने पीठ में छुरा घोपा था पुलवामा में,
अब मैं राजमहल के कालीनों पर इंकलाब लिखूंगा,
मैं सिंहासन के गिरेबान में सवालों की बौछार करूँगा,
क्या था ये प्रपंज अब तक ना हमें पता चला,
था कोई विदेशी हत्यारा या जयचन्दों ने ही हमें छला।
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अदम्य साहस का परिचय दे,
दुश्मन की छाती पर चढ़ती सेना,
आतंक को ठोक, कश्मीर प्रहरी बने,
बन शत्रुघ्न यथासंभव करती सेना,
और सेना है तो हम सोते बन्द कर अपने नयना।-
अदम्य साहस का परिचय दे,
दुश्मन की छाती पर चढ़ती सेना,
आतंक को ठोक, कश्मीर प्रहरी बने,
बन शत्रुघ्न यथासंभव करती सेना,
और सेना है तो हम सोते बन्द कर अपने नयना।-
स्मरण है हमें आपका, नमन है आपको,
बुद्धि दो हमें, चयन करें हम रस्ते आपके,
सपूत हो भारती के, सुपात्र हो दुनियावी मेले के,
स्मरण है हमें आपका, नमन है आपको।
स्वामी जी के अवतरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं-
युवा उठो, हुंकार भरो, विवेकानंद बनो,
त्याग, तप, समर्पण का भाव तुम रखो,
हर धरा पर भारती संस्कृति, संस्कार रचो,
केसरिया रंग रचो, उठो विवेकानंद बनो।
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"विश्व हिंदी दिवस" की शुभकामनाएं
हालातों को समझाया, भावों को समझाया,
जन-जन तक हर एक विचार को पहुँचाया,
शब्द-शब्द जुड़ गीत, गजल, कविता को बनाया,
एकता सूत्र में बाँध, समरसता का पाठ पढ़ाया,
नमन है हिंदी को, हिन्द को जो है महान बनाया।
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