करेंगे निदान हनुमंत बलबीरा,
तुम साहस रख चलते रहो बीरा,
दुनिया की टेड़ी मेड़ी राहों का मेल,
पवन पुत्र आसान करेंगे सारा खेल।— % &-
तामस देह न नेक रहै प्रभु ,
वेगि कृपा करिके हर लीजै।
देव प्रणाम करौं तुमको निशि-,
वासर सौम्य हिया कर दीजै।
बुद्धि विवेक सुभाव सुकोमल,
देव दिनेश तु आ भर दीजै।
वैभव दृव्य नहीं चहिए कछु,
भक्त रहौं तुम्हरो वर दीजै।
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मधुसूदन मानवता जग में,
नित पुष्पित और सुवासित हो।
बिचरे न कभी कटुता प्रभुजी,
मुख से मृदु भाव सुभाषित हो।
प्रति व्यक्ति रहे श्रमवान सदा,
श्रम पुञ्ज सुदेव प्रकाशित हो।
मन खिन्न रहे न कदाचित भी,
सद् भाव अपार सुहासित हो।
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दुसरो के ऊपर विश्वास रखने के बजाय खुद पर विश्वास होना चाहिए तभी एक राष्ट्र का निर्माण अपने खुद के बलबूते कर सकते है।
लाला लाजपत राय
28 जनवरी 1865 को पंजाब के मोगा जिले में जन्मे लाला लाजपत राय एक सफल राजनेता, वकील और लेखक थे।— % &-
आप ख्वाब में हो या हकीकत में हो,
आप शायरी के किरदार हो या दिल में हो
आप जहां भी हो तसल्ली है कि हमारी हो मां ❤️
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जय सियाराम जी सादर प्रणाम 🙏🙏
"समय कभी रुकता नहीं,
चलना उसका धर्म।
समय उसी का साथ दें,
जो करता है कर्म।।
--------- सुप्रभात--------— % &-
जय सियाराम जी सादर प्रणाम 🙏🙏
"समय कभी रुकता नहीं,
चलना उसका धर्म।
समय उसी का साथ दें,
जो करता है कर्म।।
--------- सुप्रभात--------— % &-
चलो प्रभु से थोड़ा इश्क़ मांग लेते हैं,
महबूबा इस बार प्यारा वतन मांग लेते हैं।
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आया पावन पर्व गणतंत्र का
सदा शान से हमसब इसे मनाएंगे।
सुंदर संविधान की वर्षगांठ से
जन-जन को परिचित कराएंगे।
हासिल करने इस आजादी को ,
अनगिनत देशभक्तों ने प्राण गंवाये।
देने को हम सब को आजादी
फाँसी पर झूले और गीत देश के गाए।
मिलकर हम सब उनको आज
फिर से श्रद्धा रूपी पुष्प चढ़ाएंगे।
आया पावन पर्व गणतंत्र का
सदा शान से हमसब इसे मनाएंगे।— % &-
करके मेहनत मुझे हर दिल की आश बनना है,
मिटे जिससे तिमिर ऐसा प्रकाश बनना है।
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