जिसका अर्थ होता है - स्पर्श, touch
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कहीं खो गया है मेरे दिल का रहज़न
शब-ए-तन्हाई से डर गया है मेरा मन
मैं जिसके लम्स से ख़ुश हो जाता था
ढूँढ लिया उसने किसी दिल में अमन-
टूटे आईने सा बिखरा हूँ तो आज देखता है बशर,
ताशीर-ए-बुत था तो आरजू-ए-लम्स थी तुझको।।
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तुम्हारे लम्स से मेरे बदन में ऐसी लर्जिश तारी हुई,
कसम खुदा की हर इक गुनाह से मैं पाक हो गया।
تمہارے لمس سے میرے بدن میں ایسی لرزش تاری ہوئی،
قسم خدا کی ہر اِک گناہ سے۔-------- میں پاک ہو گیا!!-
वो तेरी बातें मुझे याद आती है
लम्हा लम्हा जिंदगी उनसे बढ़ती जाती है ।
तेरे जिस्म के लम्स की महक अब भी आती है
दूर होना भी तू चाहें पर सांसो से कैसे दूर रह पाती है ।
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लम्स से तेरे पिघलती जा रही है रूह ये
बर्फ़ सा घुल कर मिलूँगा मैं तुम्हारे जिस्म में।।-
माँ धूप में शबनमी सा एहसास तेरे होठों का लम्स है
तमाज़त में अब्र बन बरसता ,,,
उस पल ,,फ़लक पे चाँद भी फ़ीका नजर आता है ।।।-
जो लम्हे मोहब्बत के लम्स से खाली नहीं होते
वो लम्हे इबादत से होते हैं, गाली नहीं होते 💕-
बन चुका है जिंदगी में इतना खास वो शख्स
वो नजर डाले तो महसूस होता है उसका लम्स-