एक बार सभी देवताओं में बात हुई । नारद जी बोले
जो सबसे पहेले पूरी दुनिया का चक्कर लगा कर आयेगा
वो शक्तिशाली कहलाएगा । सभी देवता चक्कर लगाने चले
गये और । गणेश जी अपने माता-पिता का पैर छू कर
चक्कर लगा कर वही बैठ गये। नारद जी बोले गणेश आप
क्यों नहीं गये । तो गणेश जी ने बहुत प्यारा जवाब दिया
मेरी दुनिया मेरे पास हैं । फिर मैं
दुनिया का चक्कर क्यों लगाऊ
। गणपति बप्पा की जय हो
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तुम मोटे हो तो क्यूँ न होओ
जो इतना लड्डू खाते हो
रेस लगाने के बदले
घोड़ा कुछ और दौड़ाते हो
जब चढ़ता है परसाद कहीं
पहले ही भोग लगाते हो
माई बाबू के धौंस में तुम
इकदम ही बिगड़े जाते हो
हाथी की सूंड़ जो पायी है
हाथी सा बदन बढ़ाते हो
लक्ष्मी जी को भी बैठन दो
खुद पूरे पसरे जाते हो
अपना न सही ओ गणनायक
इस मूषक का तो खयाल करो
आरम्भ करो डाइटिंग वाइटिंग
मोटापे पर विश्राम धरो 🙏-
पोटाचा घेर एवढा
वाढतोय की असं वाटतंय
'ओंकार' हे नाव बदलून
"लंबोदर" ठेवावं
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किताबें कहती हैं
उसके हाथ बहुत लंबे होते हैं
मैंने पाया कि वो लंबोदर है
उसके राक्षसी पेट में
कई कई जीवन ऐसे समा जाते है
जैसे ऊंट के मुंह में जीरा
जैसे ब्लैक होल में प्रकाश की किरण..-
कितीही मोठी समस्या असू दे देवा... तुझ्या नावातच समाधान आहे…
संकष्टी चतुर्थीच्या हार्दिक शुभेच्छा...!-
रंगुनी रंगात साऱ्या रंग मैत्रीचा वेगळा
बेधुंद होऊनी जपूया अखंड मैत्री
वेध रंगबंध भविष्यातही हर्ष सोहळा
अखंड गतीने साथ, सार्थक रंगबंधाना
असंख्य योगायोग आपल्या नात्याला
तमा नसावी लंबोदर असता सोबतीला
❣️🙂😊😇🤗🤗❣️
Dhananjay_4_u-
धन्य ते रूप सगुण साकार
मनी भाव दाटे पाहता क्षणभर
अंतरगी भरून येई गहिवर
विघ्न नष्ट होई पूजिता लंबोदर-