सुखद अंत कहानियों की ईजाद है..
जीवन में अंत का पर्यायवाची आरम्भ है
हम अग्र मुख हो तो
वो सुखद अनुभव होता है
हम पश्च मुख हो तो दुखद...
__________________________हनुमंत
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Live at jablpur mp
District prosecution officer ktani mp
मासूमो की तरफ
बंदूक उठाने वाले हाथ
बहादुर के नहीं बुजदिल के होते है
कि क्रूरता कायरों की ताकत है
हिंसा नामर्दों का रास्ता है ..
____________हनुमंत-
जैसे ही आप कुछ नया शुरू करेंगे
कुछ लोग आपके चेहरे पर भिनभिनाने लगेंगे
यदि आप उनके भिनभिनाने में उलझ गए
तो कभी कुछ नया नहीं कर पाएंगे...
________________हनुमंत
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कोई मूर्ख या आपका दुश्मन ही
आपको ऐसी सलाह दे सकता है
जो आपको सुनने में हर तरह से भली लगे ..
______________हनुमंत-
मै सर्कस के शेर की नहीं
गली के कुत्ते की इज़्ज़त करता हूं
आखिरकार वो भौंककर
मुझे खतरे से अलर्ट तो करता है..
_________________हनुमंत
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हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं
ये जानने के लिए ,
कभी-कभी पीछे मुड़कर भी
देखना जरूरी हो जाता है
_________हनुमंत
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कान मिले हैं दो
जुबां मिली है एक
मतलब है साफ
बोलने से पहले
सुनना है दुगना ...
_____________हनुमंत
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छलांग मारकर पार नहीं कर सकते
पहाड़ को ....
छोटे छोटे कदमों से
धीरे धीरे चढ़ना होगा
तनकर नहीं , तनिक झुककर
हर बाधा से पार उतरना होगा ..
_______________________________हनुमंत-
जिंदा लोग
जिंदा रहने के लिए
जब चुप्पी की चादर ओढ़ लेते है
बस्ती में मुर्दे तब चादर फाड़कर बोलने लगते हैं ..
___________________________________हनुमंत-
ज्ञान के फल अनुभव की धूप में पके हो
तो अधिक मीठे और सुपाच्य होते हैं ..
_________________________________"__हनुमंत"
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