खुद से रूठकर खुद को फिर मना लेना ही बेहतरीन लगता है....
औरो से तो सिर्फ खामोशियाँ ही तोहफे में मिलती है😖-
रिवाज़ ख़त्म मनाने का, अब रूठने के बाद
बेहद मजबूत हो गई हूँ अब टूटने के बाद!-
सौ वजहें देगा ये जमाना रूठ जाने को
गर तुम रूठ जाओगे
तो कौन आएगा हमें मनाने को..?-
जिस तरह से आजकल लोग मुझसे रूठ रहे है
उन्हें देखकर लगता है कि
अब वो वक्त भी दूर नहीं जब में खुद ही खुद से रूठ जाऊ।-
मैंने चाहा तब की बात,
वर्ना तुमने कब की बात!
याद तुम्हे बस आज का दिन,
भूल गई तुम तब की बात!
छीन के मुझसे मेरा दिल,
पूछे वो ये कब की बात!
फ़िर पंचायत बैठेगी तो,
होगी बेमतलब की बात!
अपनापन भी खो बैठोगे,
छोड़ो भी तकरार की बात!
दो पल की यह जिंदगानी,
कर लेते हम प्यार की बात!
_राज सोनी-
तुमसे रूठने की वजह पूछते हो
हमे छोड़ हर जगह पूछते हो
खता कुछ और नहीं बस यही है तुम्हारी,
हमें समझ न सके और दुनिया की पहेली बूझते हो
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खामोशियाँ हमारी
हमसे ही
रूठ गई इस कदर ,
कहती हैं -
वक्त मिले तो बताना,
फुर्सत से शिकायतें करूँ।।-
दिल से गिले शिकवे मिटाये
दूरियों को अलविदा कहे ।।
नजदीकियों से हाथ मिलाये
चलो! आज फिर से कदम बढ़ाये
क्यों नाराज़गी को दे इतनी ।
एहमियत की वो हमारी ज़िन्दगी में
रहकर अपनी दुनिया सजाये ।।
आओ! रूठे हुए को मनाएँ ।-
कोई तुम्हे गिरा ना सके, इतना उपर उठना
लेकिन...
कोई तुम्हे मना सके, बस इतना ही रूठना
😊😊😊-