कुछ भूल गए या कुछ याद नहीं
तेरा अब कुछ मेरे पास नहीं
मेरे होने की तलाशियाँ लेते हो
और मेरे न होने का मलाल नहीं-
ही मेरे जीने का सहारा है
दुनियां जलती है जबसे दिल तुझपे वारा है-
उम्र के पक्के धागे में, सपनों की गाँठ लगाई थी,
उधड़े से ईक सफ़र में, वक़्त की कच्ची सिलाई थी,
सजी-धजी सी ख़ुदा ने, ईक ठगी सी मूरत बनाई थी,
यह ज़िन्दगी तो पहले से ही, रफ़ू करके आयी थी..!
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खूबसूरती को दिखाकर कमाल करती हो
फ़िर क्यों किसी से कोई सवाल करती हो
आँखों में बसा रखे हैं जो मयखाने हजारों
क्या तुम किसी नज़र का ख़याल करती हो
आँखें भरकर न देखे तुम्हें तो फ़िर क्या करे
अपनी चाल से मदहोशी का बवाल करती हो
झूम गया वो हर इन्सान जिसकी नज़र पड़ी
जब-जब तुम अपने होंठों को लाल करती हो
मोहब्बत तो तुमसे पहली नज़र में कर लेंगे
बालों को खोलकर क्यों ये जमाल करती हो
आयी हो दुनिया में एक मुसाफ़िर की तरह
फ़िर क्यों किसी बात का मलाल करती हो
तुम्हारी अदाओं का दीवाना हो गया "आरिफ़"
कहर जब तुम मुस्कान को निकाल करती हो
"कोरे काग़ज़" के जैसा है जिस्म ये तुम्हारा
हुस्न उस पर लिखकर बुरा हाल करती हो-
बिन तेरे जिंदगी गुजार लेंगें हम,
तेरे जाने के बाद खुद को संभाल लेंगें है,
पर तेरे जाने का मलाल रहेगा,
ख़ैर जो भी हो,कमाल रहेगा।-
काश... ना उड़ते जुगुनू यह
काश... यह चाँद स्थिर होता
काश ना मन बहकता यह...
तो शायद ना ज़िन्दगी में यह तिमिर होता,
काश... ना होती ख़्वाबों-ख्यालों की यह दुनियां
ना वो... ना यह... दिल-ए-ज़िगर होता,
काश... ना कोई राब्ता होता मुहब्बत से
ना मिलता उससे... ना जुदा... मैं फ़िर होता,
कम्बख़त... जो नहीं था तक़दीर में उसका मलाल नहीं
पऱ काश जो था... वो तो मेरा आख़िर होता?
ए काश... ना उड़ते जुगुनू यह, ए काश... यह चाँद स्थिर होता!!-
ना खुशी की तलब है ना ग़म का मलाल है 'क्या पता '
जिंदगी का आख़री दिन हो ये सोच कर रहते खुशहाल है-
दिल को जलाता है
कितना भी निकालो दिल से
कुछ बाकी रह ही जाता है
खामोशियो से अब डरने लगा हूँ मै
कोई न कोई आकर कुछ कह ही जाता है
इश्क़ तुमसे हुवा तो सब भूल बैठा था
अब कितना भी भूलूँ सब याद आता है
वक़्त कब ठहरा है किसीके लिए साहब
ये तो दरिया है बस बहता ही जाता है
संभलकर पाँव रखना संभलकर बात करनी
मोहब्बत बस इक दफा काफी दोबारा फिर नही करनी-
खुदा गवाह है इससे बड़ी सजा ही नहीं ..
तुम मेरे सामने रहते हो मेरे पास नहीं ..
बहुत नादान है यह दिल मचल ही जाता है..
दुआओ में तेरे सिवा कुछ मांगा ही नहीं..
तुमको ही सुनती रहूं कुछ ना कहूँ चुप ही रहूं..
किसी भी सूरत में इश्क में आराम नहीं..
कुछ नहीं चाहिए अब तुझसे मेरी उम्र ए रवा ..
धड़कनों को मेरे बस अब और कोई मलाल नहीं..-