विवाह जिसे मै कहती हूं
सिर्फ हाड़ मांस का मिलन
जहां कुछ कर्मकांड से
खरीदी जाती है स्त्री
और किया जाता है अधिकार
उसके तन के साथ उसके मन पर !-
हमें पढ़ना है तो 💓 साथ लाइये
और हमें समझना है तो...........
य... read more
कोमल हूँ कमजोर नहीं
मैं शक्ति हूँ संहार नहीं
मैं रात्रि पूर्णिमा सी शीतल
वो काली रात अमावस नहीं
सूरज सी मैं तपती जग में
दावानल की आग नहीं
मैं गंगा की निर्मल धारा
खारे जल से परिपूर्ण नहीं
नारी हूँ वरदान खुदा का
कोई बोझिल सा अभिशाप नहीं
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BJP की है मार
जीडीपी गिरी धड़ाम
5 ट्रिलियन का ख़्वाब
ये तो एक्ट ऑफ गॉड है सरकार
नोटबंदी जीएसटी ने क्या दिन दिखलाए
काले धन तो गए बिसराए
15 लाख की छोड़ो बात
रोजगार ही दे दो सरकार
झूठ प्रपंच की सुंदर रचना
आत्मनिर्भर भारत का सपना
भुखमरी गरीबी से देश निढ़ाल
मन की बात में मगन सरकार
सुन सको देश की असल समस्या
देख सको देश की अर्थव्यवस्था
अजी ये सब अदने से हैं काम
जोर से बोलो जय श्री राम-
ये खुशी ये सुकून ,हो गम या जुनून
इन ख्वाहिशों के सारे मकां ढह गये
शायद बाकी हो तुम इस ज़हन में कहीं
ये वहम भी तो कब के दफ़न हो गये❣️
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खूबसूरत है जिन्दगी ये सोचने का हक इन्हें भी दीजिए
कुछ ख्वाहिशों की रेत फेंक खुशी की इनकी वजह बनिये😊-