सर्द आसमानों
को भी देखकर
ठिठुरन होती है
मुझे गर्म लिहाफ में...
अक्सर
जब देखती हुँ
फुटफाथ पर
अंतड़ियों को सीने में
सटे हुए...
चलो एक को तो
सहारा भी दे दुँ
अलाव का...
लेकिन
डग-डग पर
पीड़ा हो तो
क्या करें...?-
न हिन्दू ने राम देखा है,
न मुसलमान ने अल्लाह,
बस उस भिखारी ने सिक्कों
की खनक में खुदा देखा!-
हाथ में रोटी लिए उसने हँस के पूछा,
"किस धर्म से ताल्लुक रखते हो?"
उस भिखारी ने भी रोके कहा,
"जिस धर्म के नाम से वो रोटी मिल जाये!"-
लड़ रहा है अपने वजूद के लिए,
कोई राजा बन के, तो कोई भिखारी बन के !-
एक दिन भिखारी की तरह बिता कर देखो
उसकी बदकिस्मती आजमाकर देखो
हमेशा दुत्कार भरी नजरों से ही मत देखो उन्हें
बहुत सुकून मिलता है अपनी आत्मा को
कभी किसी जरूरतमंद को गले लगाकर तो देखो-
प्यार है तो फिर ये हर बात में शक कैसा?
नही है तो फिर तुम पर ये मेरा हक कैसा?
हाल ऐसा बन जाता है इश्क में "आशिकों" का,
भिखारी भी देकर बोलता है चुपचाप रख पैसा।
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जब भी
भीख माँगने खड़ा होता है कोई
पात्र दिखता है उसका
पात्रता नहीं...
हे ईश्वर !
भिखारी को पात्र नहीं
पात्रता दो....
सिक्के
बटोरने की कला नहीं
भरपूर भोजन कमाने की दक्षता दो
हे ईश्वर !
भिखारी को पात्र नहीं
पात्रता दो.... ।
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हवा बहा रखी है आदर जैसे,
सड़क बिछा रखी है चादर जैसे।
ज़िंदा रखी हुई है, पेटों में यूँ,
शमा जला रखी है कादर जैसे।-
Yq पे 1 साल पूरा हुआ रे बाबा🤓
Thank you yq❤️
बहुत कुछ सीखने को मिला
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हम़ अमीर तो नहीं हैं
लेकिन गरीब भी नहीं हैं,
फिर भी कम्बख्त इस दिल से
भिखारी की मह़क जाता क्यों नहीं हैं ।-