गर तुझे पंसद है मेरी तमाम बातें
अपनी जिंदगी के किताब की पूरी कहानी
में मुझे सजा पायेगा क्या ?
गर तुझे कोई सुन ले ,तो तुझे "सुकून" बड़ा मिलता है
मैं हूं तुझे सुनने को अपनी पूरी "जिंदगी"सुना पायेगा क्या?
गर हूं तेरे छत की वो "सफेद गुलाब" तो ,
अपनी आँगन की "तुलसी" बना पायेगा क्या ?
तू कहता है मेरी भतीजी का "फूफा" है ,
मुझे अपने बच्चे की "माँ" होने का
वो खूबसूरत अहसास दिया पायेगा क्या ?
सपने देखता है तू मैं हूं तेरे रसोई में ,तो
अपने घर की "अन्नलक्ष्मी" बना पायेगा क्या ?
पसंद है तुझे मेरी मांथे पे वो "लाल बिंदी" ,तो
मेरी मांग भर अपनी "सुहागन" बना पायेगा क्या ?
गर हु पसन्द तुझे मैं "नीले साड़ी" में तो
"लाल जोड़े" में विदा करा लें जांयेगा क्या ?
🍃पूजा जांगड़े🦋
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