सभी स्त्रियाँ गिरह बाँधने मे
निपुण होती है.....
वो बाँध लेती है
वेदनाओं को, कुंठाओं को,
अपशब्दों को, दकियानूसी परम्पराओं को,
भेदभावों को,
स्वयं जला देतीं है वो
अपने शब्दों को भी...
वो कस लेती है
अपने मनोभावों को भी....
शनैः शनैः ज़ब ये गाँठे रूप लेती है
विकट मानसिक अवसाद का....
तब विस्फोट होता है नारी मे
स्वयं के लिए ही द्वेष का|
कई बार अवस्था इतनी गंभीरता
लिए होती है कि मृत्यु से पहले
ही स्त्रियाँ आभास करती है
मृत विचारों का, मृत मानसिकता का|
मृत्यु से पहले मृत जीवन....-
भावुक -:
भावुक होना कोई कमज़ोरी नहीं है। जो लोग भावुक होते हैं,
वो अपना 100% देने की कोशिश करते हैं। अगर कोई उनसे
दूर जाता है, तो उन्हें बुरा लगता है।
दूसरी तरफ़ जो लोग भावुक नहीं होते, वो दूसरे लोगों से कभी
दिल से नहीं जुड़ पाते, इसलिए कोई उनसे दूर चला भी जाए तो
उन्हें कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता, वो अपने नए दोस्त बना लेते हैं।
लेकिन रिश्तों के प्रति ईमानदार और वफ़ादार होना ही चाहिए।
सुखमय, शांतिमय और
आनंदमय जीवन की कामनाएँ।
शुभ प्रभात🙏🙏🌹-
'भावुक' लोग संबंध को सँभालते है
एवं
'प्रैक्टिकल' लोग संबंध का फायदा उठाते हैं
और
'प्रोफेशनल' लोग फायदा देखकर ही संबंध बनाते है !-
लेखक और नेता
प्रारंभ में भावुक होते हैं
हृदय से सोचते हैं
किन्तु अनुभव उन्हें
दूसरों की भावनाओं को समझना
और उनसे भावुक नहीं होना
सीखा देती हैं
बाद में यही उनकी
जीविका बन जाती हैं-
ज़िंदा हूँ
ये खुद को एहसास दिलाता हूँ
सूखते ज़ख्मो को
ज़रा कुरेद डालता हूँ
(Poem in caption)-
आँखों मे नमी
कुछ स्वभाविक सी थी..
उसका इतने दिन बाद बात करना
कुछ भावुक सा कर गया..-