भजन
तर्ज़— कितना प्यार तुम्हें करते हैं…,
तुम भी प्यार हमें करते हो, हमको तो ये लगता है।
वरना कौन प्रभु बिन तेरे दिल की बात समझता है।
मेरे मन की जो अभिलाषा, तू कैसे जान लेता है।
मैं तुमसे माँगूँ ना माँगूँ, तू पहले ही मान लेता है।
दिल से दिल का रिश्ता है, हमको तो ये लगता है……
वरना कौन प्रभु बिन तेरे, दिल की बात समझता है।
कृपा प्रभु तू तो बरसाता, तुझे हम ही भूल जाते हैं।
मिलती जब दुनिया की चीजें, उसमें फूल जाते हैं।
देके खिलौना बहकाता तू, हमको तो ये लगता है….
वरना कौन प्रभु बिन तेरे, दिल की बात समझता है।
नहीं चाहिए धन दौलत, जो भी दिया वो काफ़ी है।
तेरा साथ ग़र मिल जाए,कोई चाह रहे ना बाक़ी है।
मुश्किल है, आसान नहीं तू, हमको तो ये लगता है….
वरना कौन प्रभु बिन तेरे, दिल की बात समझता है।
तू सबके दिल की सुनता, मेरी भी अर्ज़ ये सुन लो।
मैं फूल तेरी बगिया का, मुझको शरण में चुन लो।
फ़रियाद ये तुम तक पहुँचेगी हमको तो ये लगता हैं…..
वरना कौन प्रभु बिन तेरे, दिल की बात समझता है।
राधेकृष्णा 🙏🌺
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