क्या बोले बुरे है हम,तो मुँह क्यों लगाते हो,
पता है जब नय समझेंगे, तो फिर क्यों समझाते हो।-
नही मानता अपना कोई..
क्या इतने भी बुरे है हम..!
काम से हमें पुकारते है लोग..
क्या बस इसी काम के है हम..!
ज़रूरत हो तो अच्छा कहते..
ज़रूरत खत्म तो बुरे है हम..!
नही समझता कोई मेरा ग़म..
उनके ग़म में रहते हैं हम..!
किसी काम के नही है हम..
कौंसते रहते हमें हरदम..!
नही मानता अपना कोई..
क्या इतने भी बुरे है हम..!-
माना तूने .. मैं बहुत बुरी हूं
चल ये तो बता.. तुझसे फिर भी जुड़ी हूं।-
हम बहुत बुरे है यारो
इसलिए मुझे लोग अक्सर
बुरे वक्त में याद करते है
😢😢😢😭-
अगर हम तुम्हारी नज़रों में बुरे हैं;
तो बुरे ही सही...!!
मगर अपनों का भेद खोलकर;
उन्हें शर्मशार करना हमें मंजूर नहीं...!!-
बुरे नहीं थे हम
बुरा बना दिया सबने।
रोते नहीं थे हम
इसलिए रुला दिया सबने।।-
दिल-ए-जिगर में चला कर खंजर,
चला गया ज़ुल्मी छोड़ मुझे इश्क़-ए-समंदर,
हम भी नहीं ऐसी बाला-ए-दिगम्बर,
जो मर जाएं फिज़ूल में डूब उसके अंदर!!-