Smita Sharma   (pen_girl_smita)
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लेखन मेरे जीवन का आधार है...!!❤✍️
Joined 22 May 2021


लेखन मेरे जीवन का आधार है...!!❤✍️
Joined 22 May 2021
31 DEC 2023 AT 17:24

दिन, महीने और साल तो बदलते रहते हैं
ग़र हालात बदले तो बात बने !!
🌻

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25 JUL 2023 AT 17:33

साल भर के बाद सावन भी
लौट आता है प्रकृति का श्रृंगार सजाने !!

काले घने बादल भी लौट आते हैं
महीनों से प्यासी धरती का प्यास बुझाने !!

बसंत भी लौट आता है पतझड़ की
वीरान हुयी गलियों को फूलों से महकाने !!

"लौट आना संसार का नियम है"

मगर तुम नहीं लौटे....इस क्रम में
तुमने लौटने के नियम का उल्लंघन किया !!🥀

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24 JUL 2023 AT 19:00

ईश्वर ने ही अन्याय कर दिया
हम अधिकांश स्त्रियों को शारीरिक तौर पर कमजोर बनाकर,

अन्यथा बेहयाई पर उतर चुके
इन पुरुषों में स्त्रियों को निर्वस्त्र करने का दुस्साहस ही न होता !!

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24 JUL 2023 AT 10:07

किसी स्त्री से कोई गलती हो जाए
तो पूरी दुनिया उसे भला-बुरा कहती है,

लेकिन किसी स्त्री के साथ कुछ ग़लत हो जाए
तो दुनिया उसकी बुरी क़िस्मत का हवाला
देकर मामले को रफा-दफा कर देती है।

और लोग कहते हैं " मेरा देश महान "

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21 JUL 2023 AT 14:05

हैवानियत की हर हद पार करके
कुछ लोगों ने मुझे ऐसे छुआ...!!
मेरे जिस्म का कतरा-कतरा नोंच दिया
फिर सरेआम मेरी आबरू को नीलाम किया...!!

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16 JUL 2023 AT 11:10

मन व्यथित ; विचलित है
आँखें आँसुओं से सराबोर है
होठों ने भी जैसे मौन धारण किया है !!

गला रूँधा-सा है
हृदय में कोई हलचल नहीं
और मस्तिष्क भी शिथिल पड़ा हुआ है !!

चेहरा निस्तेज हुआ
सुध-बुध खोई हुई है कहीं
मानो जैसे आत्मा ने देह त्याग दिया है !!

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16 JUL 2023 AT 10:44

एक कवि को सबसे अधिक प्रेम और मोह
अपनी कविताओं से ही होता है !!

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1 JUL 2023 AT 19:45

तुम्हारे माथे की

बिन्दिया

सम्पूर्ण संसार के

आकर्षण का

केन्द्र बिन्दु है !!

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26 DEC 2022 AT 18:55

समाज ने पुरुष को
इतना कठोर बना दिया है कि
वह खुद के आँसू छिपाना सीख गया...!!

किन्तु उससे भी अधिक
दुःखद ये है कि वह रोती हुयी
स्त्री के आँसू पोंछना भी भूल गया...!!

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19 OCT 2022 AT 20:05

सब कहते हैं कि
तुम तो लिख लेती हो अपने ज़ज्बात...!!
अब उन्हें कैसे समझाएँ कि
काश हम भी बता पाते किसी को अपने हालात...!!

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