" सास बहु बनी सहेली "
आसाँ नहीं होता ,
सास से "सासू माँ" बन पाना,
घर में आई "बहुरूपी",
एक प्यारी सी ,
कोमल सी "कली" को,
सहेज के ,प्यार से ,
एक *मजबूत औरत* बनाना |
आसाँ नहीं होता ,
"सास" से"सहेली" बन पाना,
बहु के हिसाब से,
खुद को "मॉडर्न" बनाना,
खुद के हिसाब से,
उसे "ट्रेडीशन" सिखाना,
आसाँ नहीं होता "पास्ते",
"परांठे" को मिक्सकर,
* परास्ते *बनाना |
आसाँ नहीं होता ,
धीमे-धीमे अपने रिश्ते को ,
प्रगाढ़कर"सास बहू" से ,
"माँ बेटी" बन जाना,
आसाँ नहीं होता,
"अचार" और "मॉडन विचार",
को मिक्स कर , शिल्पी मेहरोत्रा
*खुशहाल परिवार* बनाना ||
-
जब कहीं
नई बहू आती है
🛵
तो
पूरी फैमिली 1-2 महीना के लय
बहुतइ सभ्य & सुशील बन जाती है 😊-
जिस आंगन की बेटी रौनक होती हैं
उस आंगन की शान होती है बहू...
बेटी पापा की राजकुमारी होती हैं
तो बहू उस घर की लाडली होती हैं
बेटी जिस आंगन की होती है कलियां ...
उस आंगन का फूल होती है बहू...
जिस आंगन को सुना छोड़ आती है बेटी ...
उस आंगन की रौनक होती है बहू ...-
तुम मर्द बहुत इतराते हो कि ये दुनियां तुम चलते हो,
जा कर बैठना कभी मां के अंजुमन में
सारी दुनियां तुम आंचल में पाओगे।
और बहुत घमंड रखते हो जो अपनी बाजूओ के बल पर,
जब नई सृजन की बात आएगी
उस दर्द के आगे खुद को कमजोर पाओगे।।-
यूँ अक्सर हमें हमारी हदें बता दी जाती है
जो गुनाह किया भी नहीं
क्यों उसकी अक्सर हर कदम पर सजा दी जाती है
अगर चले वो तो राहें सही
और वही राहें हमें अक्सर गलत समझा दी जाती है........-
कुछ रिश्तों का बोझ है, कुछ संस्कारों का असर है।
इक अकेली बहू पर ससुराल के सारे तानें बेअसर है।-
किसी कि बेटी को बहु बनाकर
तभी लाना, जब उसे अपनी बेटी
की तरह प्यार, सम्मान, इज्जत
और खुशी दे सको।
वरना अपने बेटो को रड़वा
ही रहने देना, किसी की बेटी
कि जिंदगी मत नरक करना।
नहीं तो आज नहीं तो कल वो
तुम्हारे बहन बेटी के साथ कही
ना कही जरुर होगा।-
Surname Change करने के साथ ही सब कुछ बदल जाता है !
इसका अहसास केवल एक महिला को ही हो सकता है !!!-