मेरे लहजे में मुहब्बत बशर करती थी कभी
अब नाम भी ले कोई उसका तो बद्दुआ निकलती है-
दुआ यही है कि मुझे हर कोई प्यार करें,
बदुआ भी है कोई मेरी तरह ना करें।-
जो शख़्स मेरे वज़ूद तक को मुझसे छीनकर ले गया,
मैं उसको बद्दुआएं ना देता तो और क्या करता!!!-
इश्क़ मेरा मुकम्मल ना हुआ
बद्दुआ जो मिली थी उनकी
जिनका तेरी वजह से
दिल दुखाया हैं हमने
💔💔-
इन दिनों फैला हुआ है, हर तरफ़ ये मुद्दआ
देख कर अनजान बनते, पूछते हैं क्या हुआ?
झूमते हैं आज मानव कर दिया हमने नया -
हर लबों पर वक़्त ने बस दे दिया है बद्दुआ..!!-
ऐसी बद्दुआ लगी उनकी,
मोहब्बत भी ना मिल पायी मुझें..!!
दर्द मिला जीवन भर का..!!
मौत भी ना मिल पायी मुझें..!!-
सुनो !
न होगी अब मोहब्बत हमसे फिर
क्यों बेवजह इल्ज़ाम ये देते हो?
मेरे अज़ीज़ दोस्त होकर भी
क्यों बेतहाशा बद्दुआ ये देते हो..?-
कल लगी थी शहर में बद्दुआओं की महफ़िल
मेरी बारी आई तो मैंने कहा
इसे भी इश्क़ हो,
इसे भी इश्क़ हो,
इसे भी इश्क़ हो;-
ना देख मुझे घिनौनी नज़रों से
मैं भी खुदा की बनाई मूरत हूँ
मुझको किसी ने मांगा नहीं
बिन मांगी बद्दुआ सी सूरत हूँ,
लोगों ने नाम हिजड़ा रखा
गालियां देकर पुकारा करते हैं
इस जहां में कोई मेरा अपना नहीं
ना मैं किसी की जरूरत हूँ,
आती हूँ तेरी खुशियों पर
तुझको दुआएं देने के लिए
बलाएं सारे समेट लूं खुद में
शक्ल ना सही दिल से खूबसूरत हूँ !
- दीप शिखा
-
मुझको यार तेरी दी हुई दुआ लग गई
शुक्रिया मुबारक तेरी बद-दुआ लग गई-