सुनो !
हज़ारों मसलों में भी
किसीको याद कर पाते है
पहेने खुशी का नकाब
बेवजह ही गम छिपाते है
साहिलों की गहेराइया
नहीं होती कारण डूबनेका
दिल की कश्ती में बने
सुराखों से ही
ये आशिक जान गंवाते है...-
कुछ उलझी सी है शख्सियत मेरी,
और ना ही सुलझाने की परवाह रखती हूं।🥰🥰🥰
बस ... read more
सुनो !
बचपन उड़ गया
जवानी सहम गई
वक्त गुजरता गया
आरजू कुछ थम सी गई
हाल ए दिल हम
क्या बयां करें सनम
यादें नासूर बन के
दिल को कर कलम गई...-
सुनो !
हादसा ए हकीकत को
हमने बखूबी सराहा
संगदिल है सनम फिर भी
ये दिल उसी पे वारा
तड़पे हैं बहोत हम
आगोश ए यार के लिए
जज़्बात हुए बेअसर यूं
पर न हुआ कभी
इश्क मुकम्मल हमारा...-
सुनो !
चाहे जो आंखे रोना तो
बेफिकर आंसू बह जाने देना
क्यूंकि दर्द ए नासूर
बना देता है सनम
कंबख्त इस दिल का रोना...-
सुनो !
अजी, सूरतों की
खुबसूरती तो अक्सर
तमाशा करती हैं
दास्तान तो
दिलों की खूब है
जो बस अपनों को
तलाशा करती हैं...-
सुनो !
खोया महताब भी
किसकी यादों में जलता होगा
सोया मुकद्दर भी
किसीके ख्वाबों में पलता होगा
देखो ! रात की फितरत में भी
मिलावट सी है कहीं
शायद भीगी पलकों में आया नूर
उसे भी खलता होगा...-
सुनो !
आजकल लोगों की
फितरत मैं ही है खुदगर्ज़ी यहां
हम तो मान लेते है
अपना सभी को
पर
लोग अपने होते है कहां..?-
सुनो !
सांसों को तुम्हारी हम
अपनी अमानत बनाएंगे
दिल की कैद से वो पल
कभी न जमानत कराएंगे
हक है तुम्हारा बेशक
होगी कुबूल तुम्हारी चाह
ये जमाना देगा दुहाई
इस तरह हम इश्क़ निभाएंगे...-
किसीके साथ जीना नहीं
उसके लिए जीना है
किसीको अपना बनाना नहीं
उसको दिल से अपनाना है
सुनो !
प्रेम तो वो पूजा है जिसमे
किसीको खुदा से मांगना नहीं
उसको ही खुदा बनाना है...-
सुनो !
गुलाबी होंठों की शबनम
उसे घायल किए जा रही है
उसकी ये मदहोश नज़र
आब ए हुस्न पिए जा रही है...-